क्या चोट का हवाला देकर विनेश फोगाट के पास था सिल्वर मेडल जीतने का मौका?
नई दिल्ली | विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से बगैर किसी मेडल के बाहर हो गई हैं. विनेश फोगाट 50 किग्रा भार वर्ग में महिला रेसलिंग के फाइनल बाउट में पहुंची थी लेकिन बाउट से पहले उनको अपने भार वर्ग से ज्यादा वजन होने के कारण फाइनल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया. यह विनेश के साथ-साथ भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में बहुत बड़ी निराशा है.
पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा महिला रेसलिंग का फाइनल मुकाबला भारतीय समयानुसार 8 अगस्त को रात 12:30 से होना था. इस मैच से पहले दिन में नियमानुसार जब विनेश का वजन लिया गया तो वह 50 किग्रा से लगभग 100 ग्राम अधिक था. विनेश को नियमों के अनुसार 50 किग्रा भारवर्ग फाइनल मैच के लिए तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया.
इस हैरान करने वाली घटना पर कुछ फैंस का मानना है कि विनेश अगर चोट या बीमारी का हवाला देकर मैच से हट जाती तो सिल्वर मेडल पक्का हो जाता. ऐसी स्थिति में विनेश को अपना वजन कराने की अनिवार्यता नहीं होती और उनको इतनी बड़ी निराशा का सामना न करना पड़ता. हालांकि यह तथ्य सही नहीं है.
पत्रकार जोनाथन सेल्वराज ने इस तथ्य पर रोशनी डाली है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए बताया, “यूडब्ल्यूडब्ल्यू के वजन मापने के नियमों के अनुसार, जब तक कि किसी खिलाड़ी को डॉक्टरी प्रमाण पत्र के माध्यम से मुकाबले से बाहर नहीं घोषित किया जाता, उन्हें अगले दिन वजन लेना अनिवार्य है. इसमें कोई अपवाद नहीं है. यह मामला ऐसा नहीं है जिसमें विनेश की टीम को नियमों की जानकारी नहीं थी.”
इस तरह से यह स्पष्ट है कि ओलंपिक रेसलिंग में ऐसी परिस्थितियों के लिए नियम साफ हैं. यह विनेश फोगाट का तीसरा ओलंपिक था. इससे पहले उनको रियो और टोक्यो ओलंपिक में भी निराशा हाथ लगी थी. हालांकि पेरिस ओलंपिक में विनेश अलग फॉर्म और अलग इरादों के साथ नजर आई. उन्होंने अपने ही बाउट में शीर्ष वरीयता प्राप्त और टोक्यो 2020 चैंपियन जापान की युई सुसाकी को हराया. इसके बाद विनेश ने दो और बाउट जीते और उनका प्रदर्शन व मानसिकता देखते हुए सीधे गोल्ड मेडल की उम्मीद लगाई जा रही थी.
आईएएनएस