बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दर्ज होगा रेप का केस, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया आदेश

फाइल फोटो | आईएएनएस

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नई दिल्ली | दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 2018 में हुए एक कथित बलात्कार के मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। हुसैन ने एक स्थानीय अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

यह आदेश, शाहनवाज हुसैन के लिए एक बड़ा झटका है।

न्यायमूर्ति आशा मेनन ने बुधवार को पारित आदेश में कहा, “मौजूदा मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज ही नहीं करना चाहती है। प्राथमिकी के अभाव में पुलिस ने केवल प्रारंभिक जांच ही की।”

कोर्ट ने कहा कि शिकायत (महिला द्वारा की गई शिकायत), आयुक्त के कार्यालय से माध्यम से थाने में प्राप्त हुई थी, लेकिन स्पष्ट रूप से, जब तक कि ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्देश जारी नहीं किया गया तब तक कोई जांच नहीं की गई।

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आदेश में आगे कहा गया है कि, शिकायतकर्ता (महिला) 16 जून, 2018 को थाने में शिकायत दर्ज कराने गई थी, लेकिन चूंकि उसे घटना की जगह की जानकारी नहीं थी, इसलिए उसने कहा कि वह पुलिस स्टेशन अगले सोमवार को आएगी।

निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व के आदेश में कोई गड़बड़ी नहीं है।

अदालत ने कहा कि विशेष न्यायाधीश के फैसले में भी कोई त्रुटि नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच पूरी करने के बाद पुलिस को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

कोर्ट ने कहा कि शाहनवाज हुसैन की याचिका में कोई मेरिट नहीं है और उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने आदेश में कहा, “प्राथमिकी तुरंत दर्ज की जाए। जांच पूरी की जाए और धारा 173 सीआरपीसी के तहत एक विस्तृत रिपोर्ट तीन महीने के भीतर प्रस्तुत की जाए।”

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क्या है यह मामला?

शिकायतकर्ता महिला के अनुसार, शाहनवाज हुसैन ने 12 अप्रैल, 2018 को अपने छतरपुर फार्महाउस में उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने शाहनवाज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

पूर्व मंत्री हुसैन ने महिला के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उसका (महिला का) उनके भाई के साथ विवाद था और उन्हें अनावश्यक रूप से मामले में घसीटा गया है।

हुसैन दिल्ली हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख करेंगे।

 

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)


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