दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर आई बड़ी खबर
नई दिल्ली | दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को AAP नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने कहा कि आवेदक (मनीष सिसोदिया) भ्रष्टाचार के मामले में जमानत हासिल करने के लिए ट्रिपल टेस्ट और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत आवश्यक दोहरी शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
हालांकि, हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मनीष सिसोदिया अपनी बीमार पत्नी से हर हफ्ते उन्हीं शर्तों पर मिलना जारी रख सकते हैं जो ट्रायल कोर्ट ने पहले तय की थी.
इस साल मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ AAP नेता (मनीष सिसोदिया) द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया था. 2023 में दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
30 अक्टूबर, 2023 को दिए गए अपने फैसले में, शीर्ष अदालत ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले तीन महीनों में मुकदमा धीमी गति से आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 30 अप्रैल को मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. उस समय सिसोदिया ने दूसरी बार नियमित जमानत की मांग की थी.
मंगलवार को ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाला मामले में सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी थी.
पिछले हफ्ते, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाते हुए एक विशेष अदालत के समक्ष अपना आठवां आरोप पत्र दायर किया था. इस मामले में अब तक कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें केजरीवाल, सिसोदिया, कई AAP नेता, बीआरएस नेता के. कविता और अन्य लोग शामिल हैं.
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk