अधिकारियों की तैनाती और तबादलों का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर प्रशासनिक नियंत्रण के संबंध में राज्य सरकार और केंद्र के बीच एक मामले में दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारियों की तैनाती और उनके तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार को होना चाहिए.
दरअसल, केंद्र सरकार ने 2021 में गवर्नमेंट ऑफ NCT ऑफ दिल्ली एक्ट (GNCTD Act) पास किया था. इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ और अधिकार दे दिए गए थे. आम आदमी पार्टी ने इसी कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. AAP ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला –
अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार को
उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी
शीर्ष अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल भूमि, सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस से संबंधित मामलों को छोड़कर एनसीटी सरकार की सलाह से बंधे हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि लोकतंत्र और संघवाद का सिद्धांत बुनियादी ढांचे का एक हिस्सा है और संघवाद अलग-अलग हितों के अस्तित्व को सुनिश्चित करता है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था (पब्लिक आर्डर), पुलिस और भूमि को छोड़कर सभी सेवाओं पर विधायी शक्ति है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)