दिल्ली में कोरोना से 437 की मौत

प्रतीकात्मक तस्वीर

The Hindi Post

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस से 437 और व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। दिल्ली में कोरोना से मरने वालों का अभी तक एक साथ जारी किया गया यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। मंगलवार को 437 व्यक्तियों की मृत्यु की सूचना के बाद दिल्ली में अब कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या बढ़कर 1837 हो गई। सोमवार तक दिल्ली में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1400 था।

दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, कोरोना से मरने वाले 437 में से 93 व्यक्तियों की मौत बीते 24 घंटे में हुई है। वहीं शेष 344 अन्य व्यक्ति इससे पहले अलग-अलग दिनों में कोरोना वायरस के कारण मरे हैं। दिल्ली में कोरोना से 1 दिन में 93 व्यक्तियों की मौत भी अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है।

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को जारी किए गए कोरोना बुलेटिन में कहा, “दिल्ली में 1859 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होने वाले लोगों की की कुल संख्या 44,688 हो गई है। अभी तक इनमें से 16,500 कोरोना रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में इस समय कुल 25 हजार से अधिक एक्टिव कोरोना रोगी हैं।”

23,515 कोरोना रोगी अपने घरों में ही हैं। दिल्ली सरकार का दावा है कि फोन कॉल के जरिए इन कोरोना रोगियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

कोरोना वायरस से ग्रस्त 802 रोगी इस समय दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के आईसीयू में भर्ती हैं जबकि 215 व्यक्तियों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। दिल्ली में कोरोनावायरस से संक्रमित हॉटस्पॉट्स की कुल संख्या 242 हो चुकी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा “15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक करीब 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने की संभावना के मद्देनजर 29 मई को आदेश जारी किया था। आदेश के तहत जरूरत पड़ने पर कोरोना के इलाज में लगे बड़े अस्पतालों के साथ चार या पांच सितारा होटलों को संबंद्ध किया जाएगा। इन होटलों को अस्पतालों से संबंद्ध कर उसमें कोरोना बेड बढ़ाने के आदेश दिए गए थे। दिल्ली सरकार के आदेश का लगभग सभी पांच व चार सितारा होटलों ने समर्थन किया, लेकिन सूर्या होटल ने दिल्ली सरकार के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया और आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में दिया है।”

आईएएनएस

 


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