राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट ने राहत नहीं, सजा पर रोक की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

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अहमदाबाद | गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को ‘मोदी सरनेम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने 2019 के मामले में हुई सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक अब अपना फैसला चार जून को समाप्त हो रहे ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सुनाएंगे.

29 अप्रैल को, राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में अपनी दलील देते हुए कहा था कि जिस कथित अपराध के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया है और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है, वह न तो गंभीर है और न ही इसमें नैतिक कदाचार शामिल है.

यह मामला कर्नाटक के कोलार में 2019 की एक रैली से जुड़ा है, जहां राहुल गांधी ने कहा था – नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी. सभी चोरों का उपनाम ‘मोदी’ कैसे हो सकता है? इस टिप्पणी पर सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

गांधी को सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. इस सजा के कारण उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराया गया था.

पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रच्छक ने इस बात पर जोर दिया था कि जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते राहुल गांधी को बयान देते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए था.

इस साल की शुरूआत में, सूरत में सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी अयोग्यता से उन्हें अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं होगा.

आईएएनएस


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