यूपी : मथुरा रेलवे स्टेशन से चुराया गया बच्चा भाजपा नेता के घर से बरामद, 8 गिरफ्तार
मथुरा | मथुरा रेलवे स्टेशन से पिछले सप्ताह चोरी हुए एक शिशु को एक स्थानीय भाजपा नेता के घर से बरामद किया गया है। इस बच्चे को भाजपा नेता ने कथित तौर पर एक बच्चा-तस्कर से 1.8 लाख रुपये में खरीदा गया था। बच्चा 24 अगस्त को मथुरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अपनी मां के साथ सो रहा था जब उसी दौरान उसका अपहरण कर लिया गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी और मथुरा पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले की तस्वीर भी जारी की थी।
बच्चे को कई दिनों से तलाशा जा रहा था। आखिरकार, बच्चा फिरोजाबाद की भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल और उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल के घर से बरामद किया गया। जांचकर्ताओं को हाथरस के एक डॉक्टर दंपति के नेतृत्व में चल रहे बच्चा चोरी के रैकेट के बारे में जानकारी हुई है।
पुलिस ने कहा कि रैकेट के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए जांच की जा रही है।
पुलिस ने डॉक्टर दंपति प्रेम बिहारी और उनकी पत्नी दयावती को गिरफ्तार कर लिया है। डॉक्टर दंपति जिन्होंने इस अवैध काम के लिए हाथरस के बांके बिहारी अस्पताल का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने डॉक्टर दंपति के चार सहयोगियों दीप कुमार, पूनम, मंजीत और विमलेश को भी गिरफ्तार किया है।
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मथुरा रेलवे स्टेशन पर मां की आंख लगते ही 7 महीने का बच्चा उठा ले गया चोर. pic.twitter.com/8F69quQHHh
— Sweta Gupta (@swetaguptag) August 27, 2022
भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल (49) और उनके पति 51 वर्षीय कृष्ण मुरारी को भी गिरफ्तार किया गया है।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मोहम्मद मुश्ताक ने कहा, “बच्चा अपनी मां के साथ प्लेटफॉर्म पर सो रहा था, तभी एक व्यक्ति ने नवजात को उठाया और भाग निकला। जीआरपी मथुरा ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया है।”
पुलिस ने आसपास के जिलों से सीसीटीवी फुटेज के जरिए दीप कुमार की गतिविधियों का पता लगाया।
एसपी ने कहा, “दीप कुमार को रोडवेज बस में यात्रा करते देखा गया था और कंडक्टर ने उसको पहचान लिया था। इसके बाद दीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में डॉक्टर दंपति का नाम सामने आया। पहले डॉक्टर दंपति को ढूंढ निकला गया और फिर बच्चा भी मिल गया।”
एसपी ने कहा कि बच्चे का 1.80 लाख रुपये में सौदा हुआ था और 85,000 रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है।
अधिकारी ने कहा, “लापता बच्चे का पता लगाने के लिए छह टीमों का गठन किया गया था, और घटना के बारे में उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज पर काम करने के लिए एक निगरानी दल को सक्रिय किया गया था। हाथरस के एक डॉक्टर दंपति द्वारा चलाया जा रहा गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है।”
एसपी ने कहा कि डॉक्टर दंपति ने बच्चों की चोरी और बिक्री में शामिल एक संगठित गिरोह चलाने की बात कबूल की है।
उन्होंने कहा, “बच्चों को रेलवे प्लेटफॉर्म और बस स्टैंड से अगवा किया जाता था और नि:संतान दंपतियों को बेच दिया जाता था।”
मुश्ताक ने कहा, “हम पूनम और विमलेश की भी जांच कर रहे हैं, क्योंकि यह पता चला है कि वे सरकारी कल्याण योजनाओं के अनुबंध पर एएनएम (सहायक नर्सिग दाई) के रूप में काम कर रहे हैं। मानव तस्करी के अपराध से संबंधित धाराओं को एफआईआर में जोड़ा जा रहा है।”
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)