कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों पे नेमप्लेट लगाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा, कहा – “नहीं किया जा सकता ……”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने उस अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों और भोजनालयों को मालिकों की नेमप्लेट (दुकान के मालिक का नाम) लगाने का आदेश दिया था. यह आदेश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए जारी किया गया है.
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, “हम किसी को भी नाम बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. यदि आवश्यक हो तो दुकानदार उपलब्ध भोजन के प्रकारों के बारे में बता सकते हैं. जैसे कि वे किस तरह का भोजन परोस रहे हैं – शाकाहारी या मांसाहारी.”
इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
यूपी सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट में दाखिल हलफनामे में अपने निर्देश का बचाव किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में अपने निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था.
अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा कि यह निर्देश कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था. राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद यह था कि कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे.
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश पर रोक लगा दी थी जिसमें दुकानदारों को यात्रा के दौरान दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया था.
आईएएनएस/हिंदी पोस्ट वेब डेस्क