इंटरनेशनल कॉल को वाइप कॉल की मदद से लोकल नेटवर्क को ट्रांसफर कर धोखाधड़ी करने वाले 3 गिरफ्तार, एक पूर्व रणजी प्लेयर भी शामिल
नोएडा | नोएडा में चीटिंग और फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अलग-अलग जगहों से ऐसे भी कॉल सेंटर पकड़े जा रहे हैं जो धोखाधड़ी करने के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रहे हैं. नोएडा एसटीएफ ने ऐसे ही गैंग को गिरफ्तार किया है जो इंटरनेशनल कॉल को वाइप के जरिए लोकल कॉल में कन्वर्ट करके लाखों रुपए बना रहा था और सरकार को राजस्व में नुकसान पहुंचा रहा था. खास बात यह है कि इस क्राइम में एक पूर्व रणजी खिलाड़ी भी शामिल है.
नोएडा एसटीएफ के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि एक गैंग फर्जी कॉल सेंटर चलाकर नेटवर्क कंपनियों को लगातार ठग रहा है और साथ-साथ सरकार को भी राजस्व में हानि पहुंचा रहा है.
पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 132 में चल रहे इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों में मोहम्मद शोएब, अभिषेक श्रीवास्तव और आशुतोष बोरा शामिल है. इनमें से आशुतोष बोरा बीए पास है और झारखंड राज्य की तरफ से अंडर-19 और अंडर -23 रणजी खेल चुका है.
क्रिकेट में किस्मत ना चमकने से इसने धोखाधड़ी और फ्रॉड का रास्ता चुन लिया. इससे पहले भी धोखाधड़ी के मामले में वह मुंबई से जेल जा चुका था. पुलिस ने इनके पास से 45 डेबिट और क्रेडिट कार्ड सीज किए है. साथ ही इसके पास से लगभग 8 लाख रूपए भी बरामद हुए है.
आशुतोष बोरा ने नई दिल्ली आकर सोनू नाम के युवक से यह काम सीखा और अपना कॉल सेंटर शुरू कर दिया. आशुतोष, अपने दो साथियों – मोहम्मद शोएब और अभिषेक श्रीवास्तव को सैलरी दिया करता था. आशुतोष बोरा ने दुबई के जरिए अपने सर्वर से एक लाइन कनेक्ट की हुई थी. एसटीएफ की टीम फिलहाल इसके और भी पुराने मामलों को खंगालने में जुटी हुई है.
आईएएनएस