शक्ति मिल्स सामूहिक दुष्कर्म मामला : 3 दोषियों की मौत की सजा आजीवन कारावास में तब्दील

बॉम्बे हाई कोर्ट (फाइल फोटो | आईएएनएस)

The Hindi Post

मुंबई | बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शक्ति मिल परिसर में 2013 में एक फोटो पत्रकार के साथ नृशंस सामूहिक दुष्कर्म के लिए दोषी ठहराए गए तीन अपराधियों को दी गई मौत की सजा को कठोर आजीवन कारावास में बदल दिया है। न्यायमूर्ति एस एस जाधव और न्यायमूर्ति पी.के. चव्हाण ने दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए निचली अदालत के 2014 के प्रधान न्यायाधीश शालिनी फनसालकर-जोशी के आदेश को बदल दिया, जिसमें तीनों आरोपी कासिम शेख ‘बंगाली’ (21), सलीम अंसारी (28) और विजय जाधव (19) को मौत की सजा दी गई थी।

फैसला तीन दोषियों द्वारा दायर अपीलों के बाद आया है।

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न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया कि संवैधानिक अदालत जनता की राय के आधार पर सजा नहीं दे सकती है और हालांकि यह बहुमत के दृष्टिकोण के विपरीत हो सकता है, अदालत ने प्रक्रिया का पालन किया।

तीनों दोषी संशोधित भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ई) के तहत आजीवन कारावास की सजा काटते हुए पैरोल के हकदार नहीं होंगे।

घटना उस शाम की है जब युवती फोटो पत्रकार अपने एक पुरुष साथी के साथ बंद पड़े शक्ति मिल परिसर में काम कर रही थी।

वहां चार युवकों और एक नाबालिग लड़के ने इस वारदात को अंजाम दिया, जिससे देशव्यापी आक्रोश फैल गया था और मुंबई पुलिस एक सप्ताह के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही थी।

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आईएएनएस

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