आजम खान को सेशन कोर्ट से नहीं मिली राहत, रामपुर में होगा उपचुनाव
रामपुर | समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिली है. रामपुर की सेशन कोर्ट ने आजम खान को मिली तीन साल की सजा के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया. इस अपील के साथ ही रामपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया.
सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर की सेशन कोर्ट को आज ही आजम खां की दोषसिद्धि के अपील के स्टे प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करने और फैसला देने के आदेश दिए थे. इस संबंध में कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. अब रामपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
सेशन कोर्ट (न्यायाधीश आलोक दुबे की कोर्ट में) ने आजम खां के मामले पर एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला बरकरार रखा है. आजम खां की तरफ से पूर्व अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह ने बहस की. उन्होंने पूर्व में दिए गए फैसले का हवाला दिया.
आजम खां को 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी. सजा के अगले दिन उनकी विधायकी रद्द करते हुए उप चुनाव की घोषणा कर दी गई. 10 नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी, जबकि पांच दिसंबर को मतदान होना था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते 10 नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. अब कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग जल्द ही नई तारीख घोषित कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सपा नेता आजम खान की रामपुर सदर सीट के लिए 10 नवंबर को जारी होने वाली उप-चुनाव की अधिसूचना को एक दिन के लिए रोक दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को आदेश दिया था कि वो सजा के खिलाफ आजम खान की अपील पर गुरुवार यानी 10 नवंबर को सुनवाई करे और उसी दिन फैसला करे.
ज्ञात हो कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को 2019 में दर्ज भड़काऊ भाषण के एक केस में दोषी करार देते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. सजा के अगले ही दिन आजम की सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया. इसके बाद चुनाव आयोग ने रामपुर में चुनाव की घोषणा भी कर दी. इस घोषणा के बाद आजम खान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्हें अपील का मौका भी नहीं दिया गया और सीट रिक्त घोषित करते हुए चुनाव का ऐलान कर दिया गया. आजम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सेशन कोर्ट में अपील का मौका दिया था. सेशन कोर्ट को अपील पर फैसला भी देने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था.
आईएएनएस