रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदने के लिए रोते बिलखते परिजन, दुकान के बाहर गुजार रहे रात

Representational | Deposit Photos

The Hindi Post

नई दिल्ली | दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रेमडेसिवीर की मांग बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर इस इंजेक्शन के लिए लोग गुहार लगाते दिख रहे हैं। इस वजह से इसकी कालाबाजारी भी हो रही है। दिल्ली की कैमिस्ट दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगी हैं, वहीं लोग रात भर दुकान के बाहर ही सोने को मजबूर भी हो रहे हैं।

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से थोड़ी दूर चलते ही आर्क फार्मास्यूटिकल के बाहर रेमडेसिवीर खरीदने के लिए लोग बेताब हैं।

मरीजों के परिजन रोते बिलखते हुए दुकानों के बाहर बैठे हैं, लेकिन इसके बावजूद इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। हर बार स्टॉक न होने की बात कही जा रही है।

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कुछ लोग तो अब इस कदर मजबूर हो गए हैं कि दुकान के पास मौजूद पार्क में ही रात गुजार रहे हैं, ताकि स्टॉक आए तो उन्हें मिल जाए।

दुकान के बाहर इंजेक्शन के इंतजार में बैठे राजेश के परिजन कैलाश कॉलोनी स्थ्ति अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “मैं बुधवार सुबह 10 बजे से इसी दुकान के बाहर बैठा हूं, और अभी तक दुकान प्रबंधकों से यही सुन रहा हूं कि स्टॉक नहीं है। 2 दिन बाद मुझसे फिर आकर पता करने को कहा है।”

“जिन लोगों को पहले ही इंजेक्शन के लिए टोकन दिया गया है, उन्हें भी अभी तक इंजेक्शन नहीं मिला।”

उन्होंने आगे बताया कि, “इंजेक्शन के लिए मैं इसी दुकान के बाहर पार्क में सोया, लेकिन अब थोड़ी देर बाद यहां से चला जाऊंगा।”

राजेश की तरह कई और ऐसे लोग हैं जो इंजेक्शन के इंतजार में घर बार छोड़ कर यहीं बैठे हुए हैं। परिजन दुकान प्रबंधकों के आगे हाथ जोड़ रहे और रो रहे हैं, बिलख रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।

कुछ ऐसे लोग भी हैं जो की दिल्ली निवासी हैं, लेकिन उनके मरीज दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भर्ती हैं। दुकान प्रबंधकों ने साफ कह दिया है कि सिर्फ दिल्ली के अस्पताल में भर्ती लोगों को ही रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिलेगा।

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बुजुर्ग भी अन्य लोगों की तरह दुकान के बाहर बैठे हुए हैं, बार बार फोन कर अपने मरीज का हाल चाल पूछ रहे हैं और उन्हें सात्वना दे रहें है कि जल्द ही इंजेक्शन लेकर आऊंगा।

दुकान प्रबंधकों ने दुकान के बाहर लोगों को काबू पाने के लिए बाउंसर बिठा रखे हैं और माइक से बार बार लोगों को सूचित किया जा रहा है कि अभी स्टॉक नहीं है। बाद में आएं, पहले उन्ही लोगों को मिलेगा जिनके पास टोकन है।

दुकान के बाहर खड़ी महिलाएं भी रोती हुई नजर आईं और इंतजार कर गुस्से में वापस खाली हाथ चली गईं।

हालांकि हमने भी बेहद कोशिश की दुकान संचालक से बात की जाए और उनसे इस मसले पर जानकारी लें, लेकिन बाहर खड़े दुकानकर्मी और बाउंसरों ने बात करने के लिए अंदर जाने नहीं दिया।

आईएएनएस

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