मणिपुर में घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के कर्नल, उनके परिवार के सदस्यों सहित 7 की मौत

प्रतीकात्मक फोटो (आईएएनएस)

The Hindi Post

इंफाल |  मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शनिवार को नक्सलियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें असम राइफल्स यूनिट के एक कर्नल सहित पांच जवान शहीद हो गए। इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के परिवार के दो सदस्यों की भी मौत हो गई।

यह हाल ही में पूर्वोत्तर भारत में हुए सबसे घातक चरमपंथी हमलों में से एक बताया जा रहा है। पुलिस ने शनिवार की दोपहर यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि घटना सेहकेन गांव के पास सुबह करीब 11 बजे हुई, जब भारी हथियारों से लैस संदिग्ध पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के नक्सलियों ने असम राइफल्स के कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर गोलीबारी की, जिसमें वह शहीद हो गए। हमले में उनकी पत्नी और उनके 9 वर्षीय लड़के की भी मौत हो गई। घटना के बाद तीन क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के जवान मौके पर पहुंचे।

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नक्सलियों ने काफिले पर उस समय हमला किया, जब असम राइफल्स की 46वीं बटालियन के कर्नल अपने परिवार के सदस्यों के साथ म्यांमार की सीमा से लगे चुराचांदपुर में एक नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम (सिविक एक्शन प्रोग्राम) की निगरानी करने जा रहे थे।

पूर्वोत्तर में पहली बार चरमपंथियों ने सुरक्षा बल के एक अधिकारी के परिवार के सदस्यों की हत्या की है।

सेना और पुलिस बलों ने वरिष्ठ पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारियों के नेतृत्व में चरमपंथियों को पकड़ने के लिए इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।

यह स्थान राज्य की राजधानी इंफाल से 130 किमी उत्तर में एक अत्यंत दूरस्थ गांव है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, पश्चिम बंगाल की उनकी समकक्ष ममता बनर्जी, असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी. सी. नायर और कई अन्य लोगों ने हमले की कड़ी निंदा की है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में चंद महीने ही बचे हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, “मणिपुर के चुराचंदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दर्दनाक और निंदनीय है। देश ने सीओ 46 एआर और उनके परिवार के दो सदस्यों सहित 5 बहादुर सैनिकों को खो दिया है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, जिन्होंने पिछले हफ्ते नक्सलियों से अपनी मांगों को हल करने के लिए बातचीत की अपील की थी, ने एक ट्वीट में कहा, “46 एआर के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें आज सीओ और उनके परिवार सहित कुछ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं। राज्य बल और अर्धसैनिक बल चरमपंथियों को पकड़ने के लिए जुटे हुए हैं। दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।”

मणिपुर में 40 से अधिक गैर-कानूनी विद्रोही समूह हैं।

2015 में मणिपुर में आतंकवादियों के हमले में अर्धसैनिक बल के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद सेना ने उनके शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

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आईएएनएस

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