रेप के दूसरे मामले में आसाराम बापू को उम्रकैद

आसाराम बापू (फाइल फोटो | आईएएनएस)

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गांधीनगर की सेशंस कोर्ट (सत्र न्यायालय) ने मंगलवार को स्वयंभू संत आसाराम बापू को 2013 के दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज अदालत ने अपना फैसला सुना दिया.

सूरत की एक महिला ने आसाराम पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने का संगीन आरोप लगाया था.

आसाराम बापू पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गलत कारावास), 354ए (यौन उत्पीड़न), 370(4) (तस्करी), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), और 120(बी) (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए थे.

आसाराम का बेटा नारायण साई भी इस मामले में आरोपी था. मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों – ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा को भी आरोपी बनाया गया था. इन सभी को गांधीनगर की अदालत ने बरी कर दिया.

आसाराम बापू इस समय जोधपुर की एक जेल में बंद हैं. 2018 में जोधपुर की एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एक अन्य यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराया था और जेल की सजा सुनाई थी. उन्हें 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी पाया गया था. आसाराम पहले ही उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क


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