“असद और गुलाम को जिंदा पकड़ने की कोशिश की थी मगर… ” एनकाउंटर के दर्ज FIR में क्या कहा पुलिस ने

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Photo: IANS
The Hindi Post

लखनऊ | UP STF ने 47 दिन से फरार चल रहे गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को गुरुवार को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. यह मुठभेड़ यूपी के झांसी में हुई. पुलिस का आरोप हैं कि असद और गुलाम ने सरेंडर नहीं किया और फायरिंग करनी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस को गोली चलानी पड़ी.

इस एनकाउंटर के तुरंत बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर ली. इस FIR में कहा गया है कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की थी.

FIR के अनुसार, “असद और गुलाम मोटरसाइकिल से भाग रहे थे. हमने अपने कार ड्राइवर को उनको ओवरटेक करने के कहा. हमने जोर से चिल्ला के उनको रुकने के लिए कहा पर वो नहीं रुके और उन्होंने बाइक की स्पीड बढ़ा दी. हालांकि दूसरी पुलिस टीम ने उन्हें घेर लिया था.”

”दोनों को बार-बार चेतावनी दी गई लेकिन वे नहीं रुके. इस दौरान उनकी मोटरसाइकिल फिसल गई. दोनों बबूल के पेड़ के पास जा गिरे. इसके बाद, असद और गुलाम ने पुलिस को गाली देते हुए जान से मारने की नीयत से फायरिंग करना शुरू कर दिया.”

पुलिस ने कहा कि अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना, दोनों को जिंदा पकड़ने के लिए पुलिस उनके करीब पहुंच गई. ऐसा करने से पुलिस अधिकारी उनकी फायरिंग रेंज में जा पहुंचे.

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसके चलते उन्हें जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस ने कहा कि दूसरी तरफ से गोलीबारी थोड़ी देर बाद बंद हो गई और जब अधिकारी उनके करीब पहुंचे तो दोनों घायल पड़े थे.

FIR में कहा गया है, “उनके लिए तुरंत दो अलग-अलग एंबुलेंस बुलाई गई और अस्पताल भेजा गया लेकिन बाद में पता चला कि उनकी मौत हो गई.”

रिपोर्ट में कहा गया है कि मौके से पिस्टल, लाइव बुलेट्स, बुलेट शेल्स, मोटरसाइकिल और अन्य सबूत एकत्र किए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि उन्हें 13 अप्रैल को एक मुखबिर द्वारा बताया गया था कि असद और गुलाम झांसी में हैं, जिसके बाद उन्होंने जाल बिछाना शुरू किया था.

असद और गुलाम को झांसी के चिरगांव शहर से बिना नंबर की बजाज डिस्कवरी मोटरसाइकिल पर आते हुए देखा गया, जिसके बाद पुलिस ने उनका 1.5 किमी तक पीछा किया.

अतीक अहमद और उसका परिवार उस समय जांच के घेरे में आ गया जब सीसीटीवी फुटेज में असद उमेश पाल पर गोली चलाता हुआ नजर आया. उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी.

फुटेज में 19 वर्षीय असद हाथ में बंदूक लिए उमेश पाल का पीछा करता नजर आया था.

असद, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, का नाम उमेश पाल की हत्या के तुरंत बाद दर्ज FIR में नहीं था. पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान उसका नाम सामने आया.

असद और गुलाम दोनों पर ५-5 लाख रुपये का इनाम था.

2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा गार्ड – राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद की 24 फरवरी को धूमनगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे लोगों में से चार का एनकाउंटर हो चुका हैं. पुलिस अभी भी गुड्डू मुस्लिम और एक अन्य शूटर साबिर की तलाश कर रही है, जिसने शूटिंग के दौरान कथित तौर पर बम फेंके थे.

FIR में कहा गया है कि गुड्डू मुस्लिम भी उमेश पाल की हत्या के तुरंत बाद झांसी गया था और किसी सतीश पांडेय के घर रुका था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार उमेश पाल की हत्या के बाद असद अहमद लखनऊ भाग गया था. बाद में वह दिल्ली जाने से से पहले वह कानपुर और फिर मेरठ गया था. इसके बाद उसने मध्य प्रदेश जाने का फैसला किया. वह झांसी पहुंचा और बाइक से राज्य की सीमा की ओर जा रहा था, तभी यह एनकाउंटर हो गया.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस


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