उम्र कैद की सजा काट रहे इस गैंगस्टर को हाई कोर्ट से मिली जमानत, अतीक-अशरफ हत्याकांड में सामने आया था नाम
लखनऊ | समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर भूदेव शर्मा की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है. इसके बाद से भाटी अंडरग्राउंड हो गया है.
सूत्रों के अनुसार, सोनभद्र जेल से रिहा होने के बाद भाटी वाराणसी से दिल्ली के लिए रवाना हो गया. सूत्रों ने शनिवार को बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि वह हरियाणा में छिप गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली गैंगस्टरों में से एक माने जाने वाला भाटी गौतम बुद्ध नगर जिले के घंघोला गांव का रहने वाले है और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, वसूली, डकैती और हमला करने के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं.
सोनभद्र में नजरबंदी से पहले भाटी को यूपी की हमीरपुर जेल में रखा गया था जहां उसने कथित तौर पर सनी से संपर्क किया था. सनी उन तीन आरोपियों में से एक है जिन्होंने गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी थी.
कहा जाता है कि भाटी ने सनी को अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया है.
अतीक-अशरफ मामले से जुड़ी जांच में भाटी का नाम सामने आया है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भाटी ने तुर्की में निर्मित विदेशी सेमी-ऑटोमैटिक जिगाना पिस्टल शूटरों को सप्लाई करवाई थी.
अतीक-अशरफ की हत्या के ठीक एक महीने बाद मई 2023 में अनिल दुजाना का एनकाउंटर हो गया था. अनिल दुजाना, भाटी का प्रतिद्वंदी था.
माना जा रहा है कि अनिल दुजाना की मौत के बाद से भाटी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्क्रैप कारोबार पर अपना नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.
भाटी और उसके साथियों ने साल 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक शादी समारोह के दौरान सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. साल 2021 में भाटी और उसके 11 साथियों को इस हत्याकांड के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस