समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान पर अखिलेश यादव ने दी प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो: आईएएनएस)
लखनऊ | मेवाड़ के शासक राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान पर अब पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है. आज के समय में बीते कल की, मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है. हम कमजोर से कमजोर हर एक व्यक्ति को भी सम्मान दिलाना चाहते हैं. हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता. समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही.”
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा, ”भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ उठाने के लिए और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है. हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गए इतिहास और एक पक्षीय की गई व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है.”
अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा, ”हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है. आज के समय में बीते कल की, मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती. राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थितियों की मांग के हिसाब से लिए जाते थे. इतिहास की घटनाओं के आधार पर आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं चल सकती. भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधारकर जनता के रोजी-रोजगार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए. भाजपा दरारवादी पार्टी है.”
बता दें कि सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद में कहा था, “मुझे यह जानना है कि बाबर को भारत में लाने वाला कौन था? क्या इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा ने नहीं बुलाया था?”