मनीष हत्याकांड में सियासत तेज, अखिलेश परिजनों से मिले, मायावती ने की सीबीआई जांच की मांग

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कानपुर/लखनऊ | उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हत्या के मामले में राजनीति तेज हो गयी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मनीष के परिजनों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया है। मुख्यमंत्री योगी के दौरे से पहले अखिलेश यादव वहां पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात कर पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराने की बात कही। बसपा मुखिया मायावती ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कानपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मृतक मनीष की पत्नी तथा परिवार के अन्य लोगों से मिले। इस दौरान उन्होंने 20 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का ऐलान किया। अखिलेश ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चहिए। उन्होंने डीएम और एसएसपी पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गोरखपुर होटल के सबूत मिटाए गए है। घर का कमाने वाला चला गया। यह चिंता का विषय है। उन्होंने हाईकोर्ट के सीटिंग जज से मामले की जांच करवाने की मांग भी की। कहा कि तब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी।

अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस का ऐसा व्यवहार किसी की सरकार में देखने को नहीं मिला। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है। सरकार की पहले दिन से कानून व्यवस्था पर नियत साफ नहीं रही है।

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले पर परिजनों से फोन पर कहा कि इस मामले के लिए कांग्रेस अच्छा वकील नियुक्त करेगी। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई। घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है। इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नरम रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है।

बसपा मुखिया मायवती ने कहा कि यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित है। इस मामले में घटना की गंभीरता व परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जाँच जरूरी है। उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति व नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद व सरकारी नौकरी दे।

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योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। कोई भी दोषी छोड़ा नहीं जाएगा। दु:ख की घड़ी पूरी सरकार परिजनों के साथ हर पल खड़ी हैं।

ज्ञात हो कि गोरखपुर के एक होटल में 27 सितंबर की देर रात पुलिस की दबिश के दौरान कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत का मामला सामने आ गया है। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि डीएम-एसएसपी ने उन्हें एफआईआर कराने से रोका। एफआईआर तभी दर्ज हुई, जब मुख्यममंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया। पुलिस ने 29 सितंबर को तीन पुलिसवालों के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

आईएएनएस

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