हवाई दुर्घटनाओं ने अतीत में कई प्रमुख हस्तियों को हमसे छीन लिया था
नई दिल्ली | तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य लोगों के साथ उड़ान भरने वाला हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुखद घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगो की मृत्यु हो गई। ताजा घटना हमारे दिमाग में कई प्रमुख हस्तियों की याद दिलाती है, जो अतीत में हवाई दुर्घटनाओं में मारे गए हैं।
सन् 1945 में ताइवान में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के हवाई दुर्घटना में निधन की बात कही गई, जो पहला उदाहरण है, हालांकि उनकी मृत्यु के बारे में कुछ विवाद रहा है।
एक अन्य एक्सीडेंट हेलीकॉप्टर दुर्घटना थी, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी सवार थे।
वाईएसआर का हेलीकॉप्टर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में उड़ते समय जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 2009 में हेलीकॉप्टर के लापता होने के 27 घंटे बाद उनके शरीर का पता लगा था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी का निधन 1980 में उस समय हो गया था, जब वह एक ग्लाइडर उड़ा रहे थे। यह ग्लाइडर दिल्ली के सफदरजंग हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, माधवराव सिंधिया 2001 में एक रैली को संबोधित करने के लिए कानपुर जाते समय विमान दुर्घटना में मारे गए थे।
लोकसभा अध्यक्ष और तेलुगू देशम के नेता जी.एम.सी. बालयोगी का भी 2002 में आंध्र प्रदेश में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था।
हरियाणा के तत्कालीन बिजली मंत्री और एक प्रमुख उद्योगपति ओ.पी. जिंदल और राज्य के कृषि मंत्री सुरेंद्र सिंह का 2005 में उस समय निधन हो गया था, जब हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी और वह सहारनपुर के पास गिर गया था।
सन् 1994 में पंजाब के राज्यपाल सुरेंद्र नाथ और उनके परिवार के नौ सदस्यों की मौत सरकार के सुपर-किंग विमान के हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम में ऊंचे पहाड़ों पर दुर्घटनाग्रस्त होने से हो गई थी । नाथ उस समय हिमाचल के कार्यवाहक राज्यपाल भी थे।
सन् 2011 में अरुणाचल के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू चीन सीमा के पास मृत पाए गए थे। वह जिस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे थे, वह लापता हो गया था और पांच दिन बाद उसका मलबा मिला था।
आईएएनएस