महाकुंभ में भगदड़ के बाद यूपी सरकार ने लिए कई बड़े फैसले
प्रयागराज | महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच मुख्य बदलाव किए हैं. महाकुंभ नगर को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है यानि किसी भी तरह के वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
मेला क्षेत्र में वीवीआईपी पास को रद्द कर दिया गया है. किसी भी स्पेशल पास लगे वाहनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी.
श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए एकतरफा यातायात व्यवस्था लागू की गई है.
शहर में भीड़भाड़ को कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोका जा रहा है.
व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 फरवरी तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
इन पांच बदलावों के अलावा, मेला क्षेत्र में भीड़ को अच्छे से मैनेज करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है. दोनों नौकरशाहों ने विजय किरण के साथ 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उस आयोजन के दौरान भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था जबकि आशीष गोयल प्रयागराज के आयुक्त थे. वह प्रबंधन की देखरेख करते थे.
इसके अतिरिक्त, पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को महाकुंभ संचालन में सहायता के लिए नियुक्त किया गया है.
महाकुंभ में भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और अंतर-विभागीय समन्वय पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई दिशा निर्देश जारी किए है.
उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा महाकुंभ व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया है. एडीजी और प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को शहर से सभी भक्तों की सुरक्षित और सुचारू विदाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कई जिलों के अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने रेल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए. परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें चलाने के निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि कहीं भी भीड़ का दबाव नहीं बढ़ना चाहिए और सड़कों पर यातायात या लोगों की भीड़ नहीं होनी चाहिए. सड़कों पर कब्जा जमाए बैठे रेहड़ी-पटरी वालों को स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि यातायात सुचारु रूप से चले. मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मेला देखने आए लोगों को मेला मैदान में घूमते समय अनावश्यक प्रतिबंधों का सामना न करना पड़े इस पर नजर रखी जाए.
बुधवार को राज्य सरकार ने भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की थी. इस पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.