रेप के आरोपी को पीड़िता से शादी करने की शर्त पर हाईकोर्ट ने दी जमानत
लखनऊ | इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी को इस शर्त पर जमानत दे दी है कि वह रिहाई के 15 दिनों के भीतर लड़की से शादी करेगा और साथ ही उसे और उसके बच्चे (कथित बलात्कार के बाद पैदा हुए) को क्रमशः पत्नी और बेटी के रूप में सभी अधिकार देगा.
आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 के तहत दुष्कर्म का मामला दर्ज है.
अदालत ने आरोपी को शादी की तारीख से एक महीने के भीतर (शादी का) पंजीकरण कराने का भी आदेश दिया है. बच्चा करीब एक महीने का है.
यह घटना इस साल मार्च महीने में लखीमपुर खीरी जिले में हुई थी. आरोपी 10 अप्रैल 2022 से जेल में है.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने 10 अक्टूबर को कहा: “आरोपी-आवेदक के जमानत पर जेल से बाहर आने के तुरंत बाद, वह रिहाई की तारीख से 15 दिनों के भीतर अभियोजक (पीड़िता) के साथ शादी करेगा.”
अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि आरोपी को जमानत दिए जाने का लड़की और उसके पिता कि तरफ से कोई विरोध नहीं है, बस वह (आरोपी) उससे (लड़की) शादी कर ले.
आरोपी पर IPC और POCSO अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. उस पर आरोप लगाया गया था कि उसने मार्च 2022 में लड़की को अपने साथ भागने के लिए उकसाया था. उस समय लड़की केवल 17 साल (नाबालिग) की थी.
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