पत्नी के किये पाई-पाई जोड़कर भिखारी ने खरीदी यह गाड़ी, क्या है पूरा मामला पढ़िए इस रिपोर्ट में

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छिंदवाड़ा | मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का संतोष साहू भले ही दिव्यांग हो और भीख मांगकर अपना जीवन चलाता हो, मगर है बड़े दिल का। यह बात उसने भीख में मिले पैसों से पत्नी की खातिर मोपेड खरीद कर साबित कर दी है।

यहां के अमरवाड़ा में रहने वाला संतोष साहू दोनों पैरों से दिव्यांग है और वह ट्राई साइकिल पर घूम कर भीख मांगता है, जिससे उसकी जिंदगी चलती है। संतोष की मदद उसकी पत्नी मुन्नी करती है। संतोष खुद ट्राईसाइकिल पर बैठता है और मुन्नी उसमें धक्का देती है। कई बार ऐसी स्थिति आती है कि सड़क पर ऊंचाई होने के कारण ट्राईसाइकिल को ठेलना मुन्नी के लिए आसान नहीं होता। पत्नी की परेशानी देखकर संतोष भी परेशान हो जाता था, मगर करे क्या!

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संतोष बताता है कि एक दिन मुन्नी ने उससे ट्राईसाइकिल के बदले मोपेड खरीदने को कहा। संतोष को भी अच्छा नहीं लगता था कि उसकी पत्नी ट्राईसाइकिल में धक्का दे और परेशान हो। जब ट्राईसाइकिल के बदले मोपेड खरीदने का विचार आया तो उन्होंने इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिए।

संतोष और मुन्नी भीख मांगकर हर रोज तीन से चार सौ रुपये हासिल कर लेते और उन्हें दोनों वक्त का खाना भी मिल जाता। इन्हीं स्थितियों में उन्होंने तय किया कि वे कुछ बचत करेंगे और मोपेड खरीदेंगे। धीरे-धीरे वे रकम इकट्ठा करने लगे। कई साल की कोशिश के बाद जमा रकम 90 हजार रुपये तक पहुंची। तब संतोष ने पत्नी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए मोपेड खरीदी। अब इसी मोपेड पर दोनों साथ-साथ भीख मांगने भी निकल पड़ते हैं। छिंदवाड़ा में संतोष और मुन्नी के खूब चर्चे हैं।

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आईएएनएस

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