SFJ मामले में दीप सिधु NIA समन पर पेश नहीं हुए थे

दीप सिधु

The Hindi Post

नई दिल्ली | पंजाबी अभिनेता और गायक दीप सिद्धू सिख फॉर जस्टिस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समन पर पेश नहीं हुए थे। एनआईए सूत्रों ने कहा कि उन्हें गवाह के रूप में 17 जनवरी को एजेंसी ने बुलाया था। सिद्धू पर लाल किले पर झंडा फहराने के लिए किसानों को उकसाने का आरोप है। सिद्धू को बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह के साथ लाल किले पर झंडा फहराते हुए देखा गया था।

एनआईए सूत्र ने कहा कि सिद्धू को 17 जनवरी को गवाह के रूप में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। सूत्र ने कहा, ‘लेकिन जारी समन के बावजूद वह पेश नहीं हुए।’

यह पूछे जाने पर कि क्या एनआईए ने उन्हें कोई ताजा समन दिया है, सूत्र ने कहा, ‘अभी तक उनके लिए कोई ताजा समन जारी नहीं किया गया है।’

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यह पूछे जाने पर कि क्या एजेंसी उसे फिर से बुलाएगी, सूत्र ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

सूत्र ने आगे कहा कि सिद्धू को एनआईए ने वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) द्वारा संकलित एक संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट (एसटीआर) मामले में तलब किया था। इसे आतंक-रोधी जांच एजेंसी के साथ साझा किया गया था।

एनआईए ने पिछले साल 15 दिसंबर को सरकार से एक अधिसूचना प्राप्त करने के बाद आईपीसी की कई धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामला दर्ज किया था।

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी आदि देशों में भारतीय मिशनों के खिलाफ ऑन-ग्राउंड अभियान और प्रचार के लिए विदेशों में भारी धन एकत्र किया जा रहा है।

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इन अभियानों को नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर और अन्य द्वारा चलाया जा रहा है।

एनआईए ने प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि इस साजिश में शामिल एसएफजे और अन्य समर्थक खालिस्तान तत्व, लगातार सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से और कट्टरपंथी युवाओं को की भर्ती कर रहे हैं।

मंगलवार को ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और कारों पर सवार सैकड़ों किसान हाथों में तिरंगा और किसान यूनियनों के झंडे लेकर लाल किले के परिसर में घुस गए।

आंदोलनकारी किसान लाल किले की प्राचीर पर चढ़ गए और वहां उन्होंने अपने झंडे फहराए।

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सिद्धू ने लाल किले की प्राचीर से किसान संगठन के झंडे का ध्वजारोहण करते हुए फेसबुक लाइव भी किया था।

वीडियो में, सिद्धू ने कहा, “हमने केवल विरोध प्रदर्शन के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए लाल किले पर निशान साहिब झंडा फहराया है।”

बुधवार की सुबह, सिद्धू को हरियाणा-दिल्ली सिंघू किसान विरोध स्थल से भी भगा दिया गया।

आईएएनएस

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