मेहुल चौकसी से पैसा क्यों लिया? जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से पूछे 10 सवाल

फोटो: आईएएनएस

The Hindi Post

नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घेराबंदी की। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन से लेकर मेहुल चौकसी से दान लेने के मामले पर सवाल खड़े किए। जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से दस सवालों का जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश इन सवालों का जवाब कांग्रेस से चाहता है। जेपी नड्डा ने कहा कि 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पहला सवाल है कि चीन जैसे देश ने 2005 से लेकर 2009 के बीच हर साल राजीव गांधी फाउंडेशन को दान दिया।

लक्जमबर्ग जैसे टैक्स हैवन ने भी 2006 से 2009 के बीच हर साल दान किया। ऐसे एनजीओ और कंपनियों ने भी फाउंडेशन को दान दिए, जिनके गहरे हित थे। आखिर सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन सरकार, दूतावास से क्यों पैसे लिए? क्या पैसों के लिए राष्ट्रीय हितों को कुर्बान करना शर्मनाक नहीं है?

भाजपा अध्यक्ष ने दूसरे सवाल यूपीए शासन में फ्री ट्रेड एग्रीमेट(एफटीए) को लेकर उठाया। उन्होंने कहा कि आज का आरसेप तब एफटीए के रूप में था। आखिर भारत को तब एफटीए का पार्ट बनने की क्या जरूरत थी। देश जानना चाहता है कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 1.1 बिलियन से बढ़कर 2013-14 में 36.2 बिलियन डॉलर कैसे हुआ।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सोनिया गांधी को बताना चाहिए कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच कितने करीब के संबंध हैं। दोनों के बीच हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित एमओयू क्या है? आरजीएफ ने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रैंडली कांटैक्ट के साथ काम किया। यह संगठन चीन के सेंट्रल मिल्रिटी कमीशन ऑफ चाइना से जुड़ा है। इसका उद्देश्य दूसरे देशों के नेताओं की आवाजों को दबाना है।

जेपी नड्डा ने चौथा सवाल पूछा कि देश यह जानना चाहेगा कि 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से आरजीएफ के लिए पैसा क्यों निकाला गया?

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने कई कारपोरेट से भारी पैसा लिया। बदले में सरकार ने कई ठेके दिए। यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सेल, गेल, एसबीआई आदि पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए दबाव बनाया गया। देश की जनता इसका कारण जानना चाहती है।

भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री राहत कोष के ऑडिटर के बारे में भी सोनिया गांधी से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि ऑडिटर ठाकुर वैद्यनाथन और अय्यन कंपनी थी। इसकी स्थापना रामेश्वर ठाकुर ने की थी, जो कि वित्त राज्य मंत्री थे। वह दो बार राज्यसभा के सांसद और चार राज्यों के गवर्नर थे। वह दशकों तक ऑडिटर रहे। इससे पता चलता है कि कैसे जनता के पैसे का दुरुपयोग होता है। आखिर इस व्यक्ति को क्यों ऑडिटर बनाया गया।

जेपी नड्डा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को जवाहर भवन दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि ऐसी कीमती जमीन, जिस पर जवाहर भवन बना है, आरजीएफ को सदा के लिए पट्टे पर कैसे दे दी गई।”

जेपी नड्डा ने नौवां सवाल पूछते हुए कहा, “राजीव गांधी फाउंडेशन न केवल घोटालों से पैसा लेता है बल्कि अपने संगठनों को भी देता है। राजीव गांधी फाउंडेशन ने परिवार द्वारा संचालित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और क्रिश्चियन मिशनरी वल्र्ड विजन को पैसे क्यों दिए?

जेपी नड्डा ने दसवां सवाल मेहुल चौकसी को लेकर पूछा। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले हमने मेहुल चौकसी पर खूब रोना-धोना सुना। कांग्रेस के राजकुमार ने पीएम के लिए सबसे अप्रिय भाषा का इस्तेमाल किया। अब पता चलता है कि मेहुल चौकसी ने भी आरजीएफ को पैसा दिया। सोनिया गांधी को बताना चाहिए मेहुल चौकसी से पैसा लेकर उन्हें लोन दिलाने में मदद करते हुए कैसे आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर लगाया गया। आखिर मेहुल चौकसी का फाउंडेशन से क्या संबंध है।

आईएएनएस


The Hindi Post
error: Content is protected !!