इन लक्षणों के सामने आते ही समझिए आप हो चुके हैं एचएमपी वायरस से संक्रमित, फौरन लें डॉक्टर से सलाह

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नई दिल्ली | भारत के कई राज्यों से HMP वायरस के मामले सामने आ चुके हैं. यह वायरस खासकर बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. अब तक कई बच्चे इसकी जद में आ चुके हैं. इसके बाद से पैरेट्स में अपने बच्चों को लेकर चिंता है. उधर, स्वास्थ्य विभाग ने सभी को व्यक्तिगत स्तर पर इस वायरस को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी है. हालांकि, विभाग की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि घबराने की जरूरत नहीं है.

इसके अलावा, कुछ लोग इसे कोरोना वायरस से भी जोड़कर देख रहे हैं, जिसे देखते हुए आईएएनएस ने इस पर फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक और यूनिट प्रमुख पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के प्रमुख डॉ. प्रशांत सक्सेना से खास बातचीत की.

डॉ. सक्सेना बताते हैं कि एचएमपी वायरस हमारे यहां कोई नया नहीं है. कई बार यह यहां देखने को मिल चुका है. कई बार यह युवाओं और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में लेता रहा है.

डॉ. सक्सेना बताते हैं कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद व्यक्ति में बुखार, नाक बंद होना, गले, सिर और छाती में दर्द होना जैसे लक्षण देखने को मिल सकते है. उन्होंने कहा कि इस वायरस के कुछ वेरिएंट भी होते हैं, जिसके कारण मरीज को निमोनिया और ऑक्सीजन की कमी जैसी स्थिति का सामना (संक्रमित होने की दशा में) करना पड़ सकता है. लेकिन, आमतौर पर ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं.

इसकी रोकथाम के बारे में बताते हुए डॉ. सक्सेना कहते हैं कि मौजूदा समय में इसका कोई चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको व्यक्तिगत स्तर पर एहतियात बरतनी होगी. इस वायरस से निपटने के लिए मौजूदा समय में कोई उपचार मौजूद नहीं है, अभी इसका वैक्सीन डेवलप होने की प्रक्रिया में है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर रोकथाम के जरिए आप इस तरह के वायरस का सामना कर सकते हैं.

अब सवाल यह है कि बीमारी फैलती कैसे है? तो इस बारे में वो बताते हैं कि अगर आप ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आएंगे, जो पहले से ही इस वायरस से संक्रमित है, तो आप भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं. वो बताते हैं कि अगर आप इस वायरस से बचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको नियमित तौर पर मास्क पहनकर रखना होगा. इसके अलावा, उस व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे जो पहले से ही इस वायरस से ग्रसित हो. घर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथ जरूर धोएं. इसके अलावा, आप अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखें.

उधर, कुछ लोग एचएमपी वायरस को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं, जिसे डॉक्टर ने तुरंत खारिज कर दिया. उनका कहना है कि कोरोना वायरस एक नया वायरस था, जबकि यह (एचएमपी) कोई नया वायरस नहीं है. एचएमपी वायरस में मरीज दो से पांच दिन में ठीक हो जाता है, जबकि कोरोना में मरीज में लंबे समय तक लक्षण बने रहते हैं. कोरोना में आमतौर पर सूंघने और स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति में आप कोशिश करें कि कम से कम घर से बाहर निकलें.

वहीं, सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल ने आईएएनएस को बताया कि सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि यह वायरस चीन से नहीं आया है. यह पहले से ही हमारे वातावरण में मौजूद था. हां, इतना जरूर कह सकते हैं कि चीन में टेस्टिंग के दौरान इस वायरस का पता चला है, तो कुछ यह लोग दावा कर रहे हैं कि यह वायरस चीन से आया है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. भारत में भी कई लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं लेकिन इसका चीन से कोई लेना देना नहीं है. उनकी ट्रैवल हिस्ट्री का चीन से कोई संपर्क नहीं है.

डॉ. तुषार बताते हैं कि दोनों ही वायरस में मूल रूप से यह समानता है कि दोनों सांस के जरिए एक से दूसरे में फैलते हैं. दोनों ही वायरस एक ही प्रक्रिया के तहत एक से दूसरे में फैलते हैं. अंत में दोनों वायरस में समानता है कि इनके लिए अभी तक कोई भी दवा नहीं बनी है. इसके अलावा, दोनों के लक्षण भी एक ही हैं. हालांकि, कोरोना में थोड़े से अतिरिक्त लक्षण पाए जाते हैं.

वो बताते हैं कि इसमें कई तरह के लक्षण होते हैं, जैसे नाक बहना या नाक ब्लॉक हो जाना, गले में खराश होना, गले में दर्द होना, खांसी होना, बुखार आना, शरीर में दर्द होना सहित अन्य लक्षण इस वायरस में पाए जा सकते हैं.

 


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