राज्य सभा में बोले अमित शाह – “किसके साथ बैठे हो, रात में चश्मा पहनकर अपनी अंतरात्मा को टोटलना…”, किसके लिए ऐसा बोले गृहमंत्री

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मंगलवार (17 दिसंबर) को लोकसभा में “एक राष्ट्र-एक चुनाव” बिल (विधेयक) पेश किया गया. इसका विपक्षी दलों ने खासा विरोध किया. इस विरोध के बीच भी मोदी सरकार “एक राष्ट्र-एक चुनाव” विधेयक को लोकसभा से पास कराने में सफल रही. विधेयक के पक्ष में 269 वोट पड़े और विपक्ष में 198

वही मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह बोले. उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “….. अभी जो अधिकारों की गुहार लेकर घूमते है मेरे कम्युनिस्ट भाई मैं उनको पूछना चाहता हूं किसके साथ बैठे हो, रात को अंधेरा करके अपनी आत्मा को टटोलना भैया … मालूम पड़ेगा.”

अमित शाह ने कहा, “39 वां संविधान संशोधन क्या था? इंदिरा गांधी जी के चुनाव को इलाहबाद हाई कोर्ट ने अमान्य घोषित किया था और उन्होंने संशोधन से पीएम पद की न्यायिक जांच पर प्रतिबंध लगा दिया…. मैं कम्युनिस्ट भाइयों से पूछना चाहता हूं कि ये जो अधिकारों की बात लेकर घूम रहे हैं, किसके साथ बैठे हो, रात में अंधेरे मेंआत्मा को टटोलना, तब मालूम पड़ेगा. यह संविधान संशोधन ऐसा था कि कोई पुराना भी मुकदमा है तो वह खारिज हो जाएगा.”

अमित शाह ने आगे कहा, “… कभी ऐसा होता है… हमारे प्रधानमंत्री तो कहते है – मैं प्रधानमंत्री नहीं प्रधानसेवक हूं और कोई कहता है कि मुझ पर मुकदमा नहीं हो सकता, मैं शासक हूं.. शासक के खिलाफ उंगली नहीं उठाई जाती… ”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क

 


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