UPSC का बड़ा एक्शन: पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द की, भविष्य में किसी भी परीक्षा में नहीं हो पाएंगी शामिल
नई दिल्ली | संघ लोक सेवा आयोग यानि UPSC ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अंतरिम उम्मीदवारी रद्द कर दी है. इसके साथ ही उन्हें भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में भी शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा.
यूपीएससी की ओर से यह कार्रवाई तब की गई है जब जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी पहचान बदलकर अधिक अटेम्प्ट दिए थे. इस संबंध में उन्हें 18 जुलाई को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया गया था पर बाद में जवाब देने की तिथि को 30 जुलाई (दोपहर 3.30 बजे तक) बढ़ा दिया गया था. इसके बाद पूजा ने UPSC से 4 अगस्त तक का समय मांगा था.
यूपीएससी ने पूजा खेडकर को स्पष्ट किया था कि 30 जुलाई को जवाब देने का आखिरी मौका होगा. यूपीएससी ने यह भी कहा था कि अब समय विस्तार नहीं दिया जाएगा और वह (पूजा) निर्धारित समय सीमा के भीतर ही अपना जवाब दे.
आयोग (यूपीएससी) की ओर से उन्हें कहा गया कि यदि तय समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है तो यूपीएससी आगे की कार्रवाई करेगा. पूजा निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रही.
यूपीएससी ने 15 साल के आंकड़ों की समीक्षा की और पाया कि पूजा खेडकर के मामले को छोड़कर, अन्य किसी उम्मीदवार ने परीक्षा देने के अधिक अटेम्प्ट नहीं किए थे.
यूपीएससी ने बताया कि जहां तक फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने की शिकायतों का सवाल है, तो यूपीएससी यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह प्रमाणपत्रों की केवल प्रारंभिक जांच करता है, जैसे कि क्या प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख, प्रमाणपत्र पर ओवरराइटिंग तो नहीं है, आदि. आम तौर पर, यदि प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, तो उसे असली माना जाता है.
यूपीएससी ने बताया कि उसको हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिकार है और न ही साधन. हालांकि, यह समझा जाता है कि प्रमाण पत्रों की वास्तविकता की जांच और सत्यापन इस कार्य के लिए नियुक्त अधिकारियों द्वारा किया जाता है.
आईएएनएस/हिंदी पोस्ट वेब डेस्क