जर्मनी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिया बयान, नाराज भारत ने दी प्रतिक्रिया

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में गुरुवार रात को ED ने गिरफ्तार कर लिया गया था.

शुक्रवार को उनको कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था. कोर्ट ने केजरीवाल को ED की हिरासत में भेज दिया था. ED ने केजरीवाल की 10 दिनों की रिमांड मांगी थी पर कोर्ट ने 06 दिन की ही रिमांड मंजूर की.

इस पूरे घटनाक्रम पर जर्मनी ने प्रतिक्रिया दी है. जर्मनी ने कहा कि हमने इस घटना का संज्ञान लिया है. एक बयान में कहा गया है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हम उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा.

आगे कहा गया है कि केजरीवाल को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा अधिकार है.

यह बयान जर्मन विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सेबेस्टियन फिशर ने दिया है. फिशर के इस बयान पर भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने जर्मन विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों को “अत्‍यंत अनुचित” बताया है. साथ ही में कहा है कि भारत इन टिप्पणियों को देश की न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के रूप में देखता है.

इसके बाद शनिवार को जर्मन दूतावास के उप मिशन प्रमुख जॉर्ज एनजवीलर को तलब कर लिया गया. विदेश मंत्रालय ने देश के आंतरिक मामले में बयान देने को लेकर जॉर्ज एनजवीलर के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के प्रयास के रूप में देखते हैं.” मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में कानून का शासन है और देश (भारत) एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है.

बयान में कहा गया है, “…. कानून अपना काम करेगा. इस संबंध में की गई पक्षपातपूर्ण टिप्पणियां बेहद अनुचित हैं.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क

 


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