दुनिया भर में बढ़ रहे जेएन1 के मामले, लोगों में कोविड लहर का डर

फोटो: आईएएनएस (प्रतीकात्मक)

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कोरोना वायरस के वेरिएंट ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट जेएन1 के मामले भारत समेत विश्व स्तर पर बढ़ रहे हैं. इसलिए कई लोगों के बीच 2024 की शुरुआत में संभावित कोविड लहर का डर है जो एक बार फिर जिंदगी को पटरी से उतार सकती है.

भारत में शनिवार को कोविड-19 के 743 नए मामले दर्ज किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसी के साथ देश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3,997 हो गई. भारत में अब तक जेएन1 के कुल 162 मामले सामने आए हैं जिसमें केरल में सबसे अधिक 83 मामले दर्ज किए गए हैं.

इसी के साथ जनवरी 2020 से अब तक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या 4,50,12,484 हो गई है. जबकि बीते 24 घंटे में 7 लोगों की मौत के बाद कुल मरने वालों संख्या 5,33,358 हो गई है.

विश्व स्तर पर अमेरिका, कुछ यूरोपीय देश, सिंगापुर और चीन से जेएन1 के मामले सामने आए हैं. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने शनिवार को कहा, ”जो देश सीमित संख्या में कोरोना के मामले रिपोर्ट करते है उनके यहां पिछले महीने अस्पताल में भर्ती होने वालो की संख्या में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.”

उन्होंने आगे कहा कि सीएआरएस-सीओवी-2, इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन रोगी लगातार बढ़ रहे हैं. खुद को संक्रमण से बचाने के उपाय करने चाहिए. मारिया वैन केरखोव ने कहा कि कोविड-19 के मामले सभी देशों में बढ़ रहे हैं.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, जेएन1 कोविड-19 वैरिएंट अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है.

मुंबई में संक्रामक रोग यूनिसन मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर के सलाहकार डॉ. ईश्वर गिलाडा के अनुसार, जब तक जेएन1 ‘चिंता का विषय’ नहीं बन जाता तब तक इससे आम आदमी को परेशान नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि भारत ने कई शक्तिशाली देशों की तुलना में कोविड-19 महामारी का बेहतर प्रबंधन किया है. भारत में कोविड-19 के खिलाफ सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन किया गया है जिसमें 75 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से वैक्सीन की डोज दी है और 35 प्रतिशत आबादी को बूस्टर (तीसरी डोज) मिली है.

आईएएनएस

 


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