वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री को कोर्ट ने किया तलब, रेप और धमकी से जुड़ा है मामला
दिल्ली की एक अदालत ने कथित दुष्कर्म और धमकी देने के एक मामले में भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को समन भेजा है. कोर्ट ने उन्हें 20 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है.
न्यायाधीश ने दुष्कर्म (भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडनीय) और आपराधिक धमकी (धारा 506) के अपराधों का संज्ञान लिया है.
कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें शाहनवाज हुसैन को क्लीन चिट दी गई थी. कोर्ट ने पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट को अस्वीकृत कर दिया है.
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज और उनके भाई शाहबाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के सत्र अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था.
न्यायमूर्ति अमित महाजन ने मामले को वापस सत्र अदालत में भेज दिया. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को सुनने के बाद नए सिरे से निर्णय दिया जाए.
पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 376, 295ए, 493, 496, 506, 509, 511 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देते समय ट्रायल कोर्ट ने हुसैन और उनके भाई को नहीं सुना.
अदालत ने कहा कि इससे पहले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 25 जून 2018 के आदेश में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत महिला द्वारा दायर आवेदन में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था.
बाद में सत्र न्यायाधीश ने 31 मई 2022 को आक्षेपित आदेश के उक्त आदेश को रद्द करते हुए, एसएचओ मंदिर मार्ग को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि जब वह एक एनजीओ चलाती थी तब उनकी मुलाकात शाहबाज से हुई. शाहबाज ने खुद को संसद सदस्य शहनवाज हुसैन का भाई बताया. महिला ने कहा था कि उनकी शाहबाज से निकटता हो गई थी.
शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि शाहबाज ने उससे वादा किया कि वह उससे शादी करेंगे. शाहबाज ने महिला के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया.
पहले तो महिला ने लोकलाज के चलते इस मामले को उजागर नहीं किया लेकिन बाद में उसे पता चला कि शाहबाज पहले से ही शादीशुदा है और दो बच्चों का पिता है. ये जानकर उसे झटका लगा.
फिर वह शाहबाज के भाई शाहनवाज से समर्थन और न्याय मांगने के लिए उनके आवास पर गई और उन्हें पूरी बात बताई. शिकायत में कहा गया है कि शाहनवाज ने उनसे मामले को उजागर न करने के लिए कहा था.
महिला ने आरोप लगाया है कि शाहबाज ने एक मौलवी और कुछ अन्य लोगों की उपस्थिति में उससे शादी की थी. शादी के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उसे मजबूर किया गया था. “इसके बाद उसने मुझे छोड़ दिया”.
बाद में पता चला कि मौलवी और प्रमाणपत्र फर्जी थे. महिला ने आरोप लगाया है कि उन्हें फोन पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए धमकी दी गई.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)