बिना आईडी के 2000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति न दें: भाजपा नेता ने आरबीआई, एसबीआई के खिलाफ जनहित याचिका दायर की
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के उस निर्णय को चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराने के लिए नागरिकों को न तो कोई फॉर्म भरना होगा और न ही कोई ID प्रूफ (पहचान का प्रूफ) जमा कराना होगा.
याचिका में कहा गया है कि SBI की 20 मई की अधिसूचना “मनमानी, तर्कहीन और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है.”
भाजपा नेता ने आरबीआई और एसबीआई को निर्देश देने की मांग की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि 2,000 रुपये के बैंक नोट केवल नोट बदलने वाले व्यक्ति के खाते में ही जमा किए जाएं.
जनहित याचिका में कहा गया है कि इस कदम से सरकार को काले धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी.
एसबीआई ने शनिवार को कहा था कि उच्च मूल्य के करेंसी नोटों को बंद करने की कवायद के तहत एक बार में 20,000 रुपये की सीमा तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म या मांग पर्ची की जरूरत नहीं है. SBI के इसी नोटिफिकेशन को दिल्ली हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया है.
हाल में ही RBI ने सूचित किया था कि 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर करने के लिए एक्सचेंज या डिपाजिट करने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी और यह सुविधा 30 सितंबर तक जारी रहेगी.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क