मप्र में ओमिक्रॉन खतरे के बीच 95 विदेशी विजिटर्स लापता, पता लगाने में जुटे अधिकारी

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प्रतीकात्मक फोटो
The Hindi Post

भोपाल | नए कोरोना वायरस वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच, मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारी विदेशों से आने वाले विजिटर्स का पता लगाने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 नवंबर से अब तक राज्य की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में लगभग 400 लोग पहुंचे हैं, जिनमें से 95 का पता नहीं चल सका है। वे संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, स्वीडन से इंदौर आए, जबकि कुछ दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और गोवा के रास्ते आए थे।

इंदौर में कोविड परीक्षण के लिए उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे अधिकारियों ने अन्य अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाई है ताकि उनका पता लगाने के तरीके सुझाए जा सकें।

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राजा भोज हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी अनिल विक्रम ने कहा, “इसी तरह भोपाल में भी अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जा रहे हैं। भोपाल के राजा भोज हवाई अड्डे के एक प्राधिकरण के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों से औसतन 1,500 लोग हवाई सेवाओं के माध्यम से शहर आते हैं। भोपाल जाने वाले प्रत्येक यात्री को आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना पड़ता है। यहां तक कि विदेशों से आने वाले भी सीधे भोपाल नहीं बल्कि नई दिल्ली, मुंबई या अन्य राज्यों से आते हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राजा भोज हवाई अड्डे पर आने वाले एक भी यात्री को अनिवार्य कोविड -19 प्रक्रिया के दौरान किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े और इसके लिए पर्याप्त टीमों को तैनात किया गया है।”

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हालांकि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन, को आधिकारिक तौर पर राज्य में रिपोर्ट किया जाना बाकी है, लेकिन कुछ पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र और राजस्थान में इसके उद्भव ने मध्य प्रदेश सरकार को सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता पर रखा है। हालांकि, राज्य सरकार ने उन लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है जो मध्य प्रदेश में उन राज्यों से आकर यात्रा कर रहे है जहां ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चला है।

आईएएनएस

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