कोर्ट ने महिला सहित दो को सुनाई फांसी की सजा…, क्या है यह मामला?

सांकेतिक तस्वीर (AI Photo)
मैनपुरी | उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के करहल में एक युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर महिला मनु और अभय उर्फ भूरा को फांसी की सजा सुनाई गई है.
मनु पर आरोप है कि उसने न केवल युवक की हत्या की साजिश रची बल्कि इसके पहले कई लोगों का वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया था. यह मामला पुलिस की जांच के बाद सामने आया था जिसमें आरोपी महिला मनु और अभय उर्फ भूरा के खिलाफ ठोस सबूत मिले.
यह फैसला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि इसमें एक महिला भी शामिल है. वह पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थीं. ऐसे में न्यायालय ने इस मामले में सख्ती दिखाई और दोनों आरोपियों को कड़ी सजा दी.
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज में एक सख्त संदेश भेजेगा. उन्होंने कहा कि यह घटना 2024 में थाना करहल में तब पंजीकृत हुई थी जब अज्ञात अवस्था में एक युवक का शव तालाब के किनारे मिला था. इसके बाद मृतक के पुत्र ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान, तीन अभियुक्तों के नाम सामने आए थे जिनमें से महिला आरोपी मनु, अभय उर्फ भूरा और एक अन्य शामिल था.
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि न्यायालय में पेश किए गए साक्ष्यों और वीडियो के आधार पर मनु और अभय उर्फ भूरा को दोषी ठहराया गया. मनु के बारे में पता चला था कि वह लोगों को ब्लैकमेल करने का काम करती थी. वह वीडियो बनाकर धमकी देती थी और पैसे की वसूली करती थी. विवेचना के दौरान, मृतक का वीडियो भी उसके मोबाइल से बरामद हुआ, जिसमें हत्या की घटना को दिखाया गया था.
गुप्ता ने कहा कि इस मामले की विवेचना में पुलिस की भूमिका सराहनीय रही है, खासकर एएसपी भाटी की मेहनत के कारण महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए. उन्होंने कहा, “इस केस में न्यायालय ने यह साबित कर दिया कि समाज में ऐसे अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है, जो अपने स्वार्थ की खातिर दूसरों को प्रताड़ित करते हैं. अपर जिला न्यायाधीश जहन पाल सिंह के द्वारा दिया गया यह फैसला न केवल दोषियों के लिए एक सख्त सजा है, बल्कि यह समाज में एक संदेश भी देता है कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में आगे भी मृत्युदंड जैसी कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी व्यक्ति को इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न हो. इस फैसले के बाद समाज में सुरक्षा और न्याय का विश्वास बढ़ेगा और ऐसे अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा.
IANS