दोनों पैर, एक हाथ गंवाने के बाद भी नहीं मानी हार, सूरज तिवारी ने UPSC – सिविल सर्विस एग्जाम में हासिल की सफलता

Photo: Twitter/Akhilesh Yadav

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मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) | सिविल सेवा परीक्षा में विजयी होना 27 वर्षीय सूरज तिवारी के लिए सात समंदर पार करने से बड़ी बात है. सिविल सेवा परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल करने वाले मैनपुरी जिले के कसवा कुरावली निवासी तिवारी के दोनों पैर और एक हाथ नहीं है. उनकी सफलता उनके परिवार और कस्बे के लिए ढेरों खुशियां लेकर आई है.

कॉलेज (नई दिल्ली में) से लौटते समय, सूरज 29 जनवरी, 2017 को एक रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना का शिकार हो गए थे. उनको अपने दोनों पैर और दाहिना हाथ खोना पड़ा था. इससे वह बिस्तर पर पड़ गए और अपनी दिनचर्या के लिए पूरी तरह से परिवार के सदस्यों पर निर्भर हो गए.

दुर्घटना ने न केवल उनके चलने और लिखने की क्षमता को छीन लिया था बल्कि उन्हें अवसाद में भी धकेल दिया था. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि यह उनके लिए सबसे बुरा दौर था. लेकिन सूरज जानते थे कि कड़ी मेहनत करके वो अपने लिए एक मुकाम हासिल कर सकते है.

सूरज ने स्नातक किया और वह अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से रूसी भाषा में एमए कर रहे है. इससे उनमें उम्मीद की एक नई किरण जगी, लेकिन सूरज ने फैसला किया कि वह और भी चमकेंगे.

सूरज ने कोविड-19 के दौरान देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की लिखित परीक्षा पास की, लेकिन इंटरव्यू में कुछ अंकों से चूक गए. अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली.

परिणाम घोषित होने के बाद से उनके परिवार में जश्न का माहौल है.

आईएएनएस


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