“मोहम्मद शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है…, शमी शरीयत की नजर में मुजरिम हैं….”: बोले मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

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बरेली | भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी धर्मगुरुओं के निशाने पर आ गए हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि शमी ने पवित्र रमजान के माह में रोजा नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि क्रिकेटर ने रोजा न रखकर बहुत बड़ा गुनाह किया है. शरीयत की नजर में वह मुजरिम हैं.

दरअसल, दुबई में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहम्मद शमी का एनर्जी ड्रिंक पीते हुए फोटो वायरल हुई थी. उनकी इसी फोटो पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने नाराजगी जताई है और क्रिकेटर को नसीहत भी दी.

मौलाना शहाबुद्दीन ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने पर आपत्ति जताते हुए कहा, ”इस्लाम ने रोजे को फर्ज करार दिया है और अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता है तो वह निहायत गुनाहगार है. ऐसे ही क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने किया है, उन्होंने रोजा नहीं रखा, जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है. रोजा न रखकर मोहम्मद शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है. शमी शरीयत की नजर में मुजरिम हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि मोहम्मद शमी को हरगिज ऐसा नहीं करना चाहिए. मैं उनको हिदायत और नसीहत भी देता हूं कि इस्लाम के जो नियम हैं, उन पर वो अमल करें. क्रिकेट, खेलकूद भी करें, सारे काम अंजाम दें, मगर अल्लाह ने जो जिम्मेदारी बंदे को दी है, उनको भी निभाएं. इतनी तमाम चीजों को मोहम्मद शमी को समझना चाहिए.

Photo: Social Media

बता दें कि दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्‍ट्रेल‍िया को 4 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. ऑस्ट्रेलिया टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.3 ओवर में 264 रन बनाकर ऑल आउट हो गई.

265 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 11 गेंद शेष रहते चार विकेट से मैच जीत लिया था. इसी मैच के दौरान शमी का एनर्जी ड्रिंक पीते हुए फोटो सामने आई थी, जिस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं.

भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला 9 मार्च को दुबई में खेला जाएगा.

मोहम्मद शमी के बचपन के कोच बदरुद्दीन ने इस मामले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि देश से आगे कुछ भी नहीं है और शमी ने कोई गलती नहीं की है. उन्होंने कहा, “वह देश के लिए खेल रहा था इसलिए रोजा नहीं रखा. खेलने में काफी जान लगानी पड़ती है. यह पुराना जमाना नहीं है. हो सकता है कि किसी ने रोजा रखकर मैच खेला हो लेकिन अब ऐसा करना बहुत मुश्किल है. देश के लिए खेल रहे हैं तो रोजा छोड़ सकते हैं. इसके बदले में बाद में रखें. सबकी अलग-अलग सोच हैं. लेकिन मेरे हिसाब से तो यह गलत है. आपको गर्व महसूस करना चाहिए कि वह देश के लिए खेल रहा है. नाम रोशन कर रहा है.”

 

 


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