गृह मंत्री शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव, आखिर क्या है यह मामला?

फोटो: आईएएनएस

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वायनाड (केरल) में हुए लैंडस्लाइड हादसे (भूस्खलन) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावों के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा में पेश किया.

इस नोटिस में अमित शाह के उस दावे पर आपत्ति जताई गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि वायनाड में भूस्खलन होने से पहले ही केरल सरकार को चेतावनी दे दी गई थी. शाह ने यह भी दावा किया था कि केरल सरकार ने इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की. इसका जयराम रमेश ने विशेषाधिकार हनन नोटिस में खंडन किया है.

जयराम रमेश ने अपने पत्र में लिखा है, “अमित शाह के दावे को मीडिया ने गलत पाया है.” रमेश ने ‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक फैक्ट चेक रिपोर्ट का भी हवाला दिया है.

जयराम रमेश ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना को लेकर अपनी बात रखी थी.” उन्होंने आगे कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व चेतावनी प्रणाली पर कई दावे किए जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र सरकार ने वायनाड में हुई त्रासदी से पहले ही अलर्ट जारी किया था और इस अलर्ट के जारी होने के बावजूद केरल सरकार ने उनका इस्तेमाल नहीं किया.”

जयराम ने कहा कि किसी मंत्री या सदस्य द्वारा सदन को गुमराह करना विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना ​​है.

बता दे कि राज्यसभा में 31 जुलाई को अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री ने दावा किया था कि भूस्खलन के बारे में केरल सरकार को 23 जुलाई को ही चेतावनी दे दी गई थी.

उन्होंने कहा था, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार ने केरल सरकार को 23 जुलाई को ही अलर्ट भेज दिया था. 24 व 25 जुलाई को फिर से चेतावनी दी गई थी. 26 जुलाई को चेतावनी दी गई थी कि 20 सेमी से अधिक बारिश और भूस्खलन की संभावना है.”

वायनाड में हुए भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और ढही हुई इमारतों और मलबे के नीचे फंसे लोगों की तलाश जारी है. इस घटना में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

IANS

 


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