2016 के बाद पहली बार अरशद ने मेरे खिलाफ जीत हासिल की: नीरज चोपड़ा

फोटो क्रेडिट: आईएएनएस

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पेरिस | स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में गोल्ड के बेहद करीब आकर चूक गए. लेकिन सीजन के अपने बेस्ट थ्रो के साथ उन्होंने सिल्वर पर कब्जा जमाया. फाइनल मुकाबले के बाद स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की मिसाल कायम करते हुए नीरज ने गोल्ड जीतने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम के प्रदर्शन की प्रशंसा की.

2016 के बाद यह पहला मौका है जब अरशद ने नीरज के खिलाफ जीत हासिल की है. दोनों ही खिलाड़ियों के बीच काफी अच्छी दोस्ती है और कई मौकों पर दोनों ने ही एक दूसरे के प्रदर्शन की सराहना की है.

पेरिस ओलंपिक 2024 में जैवलिन थ्रो का फाइनल बेहद रोमांचक रहा था. पाकिस्तान के अरशद नदीम (92.97 मीटर) ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल अपने नाम किया, जबकि सीजन के अपने बेस्ट थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा (89.45) को गुरुवार रात सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा. ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर के साथ ब्रॉन्ज जीता.

अरशद ने दो बार 90 मीटर का आंकड़ा पार कर एक विशाल ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया जो नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्ड्सन (बीजिंग 2008 में 90.57 मीटर) के नाम था.

अरशद की यह पदक बार्सिलोना 1992 के बाद पाकिस्तान का पहला ओलंपिक पदक है. साथ ही, अरशद का पदक ओलंपिक में किसी पाकिस्तानी एथलीट द्वारा जीता गया पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक भी है.

फाइनल के बाद नीरज ने कहा, “अरशद ने अच्छा प्रदर्शन किया. मैं उसे बधाई देना चाहता हूं. मैं 2016 से उसके साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और यह पहली बार है जब उसने एक साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए जीत हासिल की है.”

टोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ने कहा, “चोट के बावजूद मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं. थ्रो अच्छा था लेकिन मुझमें अभी भी बहुत कुछ बाकी है और इसे हासिल करने के लिए मुझे फिट रहने की जरूरत है.”

नीरज ने टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन 87.58 मीटर दूर फेंका था. ऐसा करके वह गोल्ड मेडल जीते थे. पेरिस ओलिंपिक में उनका प्रदर्शन और भी बेहतर रहा. इससे पता चलता है कि इस बार प्रतिस्पर्धा का स्तर कितना चुनौतीपूर्ण था.

नीरज ने कहा, “मैंने अभी तक 90 मीटर थ्रो नहीं फेंका है लेकिन दूसरे प्रयास के दौरान मुझे लगा कि आज वह दिन हो सकता है जब मेरा जेवलिन 90 मीटर के पार जा गिरे. मुझे खुद पर भरोसा कि मैं किसी दिन उस मुकाम तक पहुंचूंगा. अपना झंडा थामना और अपने देश के लिए मेडल जीतना एक अविश्वसनीय एहसास है.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस

 


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