दिल्ली चुनाव में किस्मत आजमा रहे पंकज शर्मा एक पुलिस कांस्टेबल भी, बताया- “क्यों लड़े चुनाव?”

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नई दिल्ली | नई दिल्ली विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पंकज शर्मा ने बताया कि देश की राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराध को देखते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया.

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं एक कांस्टेबल हूं, इसलिए मुझे दिल्ली के अपराध के बारे में अच्छी तरह से पता है. मुझे अच्छी तरह से पता है कि वर्तमान समय में दिल्ली के लोगों को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अफसोस है कि उनकी इस समस्या पर किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मेरा चुनाव चिन्ह जूता है. इस चिन्ह के साथ मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया. मैं दिल्ली पुलिस की 6 बटालियन में तैनात हूं. मुझे दिल्ली में कई तरह की समस्याएं दिखीं, जिसे देखते हुए मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ता अपराध बड़ा चुनावी मुद्दा है. मैं पिछले 40 सालों से दिल्ली का नागरिक हूं. मैं दिल्ली के लोगों की समस्याएं जानता हूं. जब दिल्ली की जनता थाने में जाती है, तो उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान नहीं मिल पाता है. उन्हें सिर्फ नजरअंदाज किया जाता है. इसलिए मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं दिल्ली के लोगों के बीच जाकर उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान दिलाऊंगा, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो.

निर्दलीय प्रत्याशी ने अपने चुनावी अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा. मैं चुनाव आयोग को दिल की गहराई से धन्यवाद देता हूं. आयोग की तैयारियों की वजह से ही हमें या मेरे जैसे दूसरे प्रत्याशी को किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं आई.

उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को धन्यवाद देता हूं. आज लोकतंत्र की जीत हुई है. लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती ही यही है कि लोगों को अपना नेता चुनने का अधिकार रहता है.

आईएएनएस

 


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