अरविंद केजरीवाल के जवाब से संतुष्ट नहीं चुनाव आयोग, दिया एक ओर मौका…. क्या है यह मामला?
नई दिल्ली | चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को उस आरोप को साबित करने का मौका दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि यमुना नदी के पानी में जानबूझकर जहर मिलाया गया था. गुरुवार को जारी किए गए बयान में आयोग ने केजरीवाल से आरोपों पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है.
आयोग ने उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि कौन सा जहरीला पदार्थ, कितनी मात्रा में और किस प्रकार से पानी में मिलाया गया था. साथ ही यह भी पूछा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने इस जहरीले पदार्थ को कैसे पहचाना. आयोग ने शुक्रवार सुबह 11 बजे तक का समय अरविंद केजरीवाल को अपना स्पष्टीकरण पेश करने के लिए दिया है.
आयोग का यह जवाब केजरीवाल के आरोप लगाने के बाद आया है. अपने आरोप में केजरीवाल ने कहा था कि यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ा कर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है. निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से यह भी अनुरोध किया है कि वह अमोनिया संदूषण और जहर देने के आरोपों के बीच अंतर को स्पष्ट करें और दोनों मुद्दों को एक साथ जोड़ने से बचे.
इसके अलावा आयोग ने केजरीवाल को भड़काऊ बयान देने से बचने की बात कही है. आयोग ने यह भी कहा कि पानी की उपलब्धता और स्वच्छता शासन की अहम जिम्मेदारी है और सभी सरकारें सुरक्षित पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है.
अपने पत्र में चुनाव आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी. आयोग ने आपको 29 जनवरी 2025 तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था. चुनाव आयोग ने 29 जनवरी 2025 को आपके जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त किया जिसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई है.
चुनाव आयोग ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए जवाब को देखते हुए, आयोग ने पाया कि यमुना नदी में जहर घोलने के आपके आरोपों से विभिन्न समूहों के बीच आपसी दुश्मनी और सामाजिक अशांति बढ़ सकती है. एक प्रमुख सार्वजनिक व्यक्ति और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में, आयोग आपको यह याद दिलाना चाहता है कि ऐसे बयानों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
आयोग ने अरविंद केजरीवाल से यह भी स्पष्टीकरण मांगा है कि हरियाणा राज्य सरकार ने यमुना नदी में किस प्रकार का जहर मिलाया था. जहर की मात्रा, प्रकृति और इसे पहचानने के लिए क्या प्रमाण उपलब्ध हैं. दिल्ली जल बोर्ड के कौन से इंजीनियरों ने इसे कैसे तथा कहां पहचाना?
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk