नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नए मानचित्र का समर्थन किया जिसमें भारतीय क्षेत्र शामिल

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नई दिल्ली | नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने देश के नए और विवादित नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। नेपाल में मीडिया र्पिोटों के अनुसार, भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। प्रधानमंत्री के. पी. ओली के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने इस संविधान संशोधन विधेयक को नेपाल की संसद में पेश किया, जिसके बाद प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और मधेसी-आधारित पार्टियों की तरफ से इसे समर्थन मिल गया है। इसके बाद अब इस विधेयक को संसद में पारित कराने का रास्ता साफ हो गया है।
नेपाल के संसदीय कार्य मंत्री शिवमया तुंबांगफे ने 30 मई को देश के नक्शे को अपडेट करने और संविधान में संशोधन करने के लिए संसद में चर्चा के लिए विधेयक पेश किया था।
भारत ने 28 मई को कहा था कि वह नेपाल के साथ पारस्परिक सम्मान के आधार पर और सीमा के मुद्दे को हल करने के लिए विश्वास के माहौल में मुद्दे को सुलझाना चाहता है। भारत ने यह प्रतिक्रिया तब दी थी, जब नेपाल ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था, जिसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र में दिखाया था। यह इलाके भारतीय क्षेत्र का हिस्सा रहे हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख र्दे को चीन में कैलाश मानसरोवर मार्ग से जोड़ने वाली एक नई सड़क का उद्घाटन करने के बाद नेपाल ने इसका विरोध किया था और क्षेत्र में सुरक्षा चौकी लगाने की धमकी दी थी।

आईएएनएस


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