नौसेना को मिलेंगे 26 राफेल-एम फाइटर जेट, फ्रांस के साथ साइन हुई डील

Rafale (1)

फोटो क्रेडिट: आईएएनएस

The Hindi Post

नई दिल्ली | नई दिल्ली में सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ. राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए यह सरकार-से-सरकार की डील है. इस डील के तहत फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना को मरीन (एम) श्रेणी के 26 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाएगी. सोमवार को हुए इस समझौते के दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और नौसेना के वाइस चीफ के स्वामीनाथन मौजूद रहे.

तय सौदे के मुताबिक, भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी. इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे. वहीं नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी. ये विमान ट्रेनिंग के लिए भी उड़ान भरेंगे. यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है जिसके चलते पाकिस्तान में काफी बैचेनी है.

आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से तिलमिलाया पाकिस्तान इन दिनों नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी कर रहा है. भारतीय सेना इस गोलीबारी का करारा जवाब दे रही है. वहीं भारतीय नौसेना के बेड़े में राफेल विमान आ जाने से भारत की शक्ति और बढ़ जाएगी. हालांकि अभी इन विमानों की डिलीवरी में कुछ सालों का समय लगेगा. इन्हें मुख्य तौर पर स्वदेशी रूप से निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. इससे जहां भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा वहीं पाकिस्तान की हरकतों का भी मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. साथ ही भारतीय नौसेना की समुद्री हमले की क्षमताओं को मजबूती मिलेगी.

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास भी राफेल विमानों के बेड़े है. विशेषज्ञों का कहना है राफेल मिलने के बाद नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. इस सौदे के लिए पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री भारत आने वाले थे. हालांकि कुछ निजी कारणों की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया लेकिन इससे राफेल मरीन की डील पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

गौरतलब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने बीते दिनों नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी.

सीसीएस से मिली इस मंजूरी के बाद अब यह डील हुई है. राफेल की डील पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. हालांकि, भारतीय नौसेना को पहले राफेल (एम) फाइटर जेट की डिलीवरी में अभी कुछ समय लगेगा. पहले राफेल (एम) फाइटर जेट की डिलीवरी वर्ष 2028-29 में होगी. इसके बाद वर्ष 2031-32 तक नौसेना को सभी विमानों की आपूर्ति कर दी जाएगी.

नौसेना को मिलने वाले ये फाइटर जेट भारतीय विमानवाहक पोतों, आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत से संचालित किए जाएंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि इस सौदे की अनुमानित लागत लगभग 63,000 करोड़ रुपए है. गौरतलब है यह देश के नौसैनिक बलों के लिए पहला बड़ा लड़ाकू विमान अपग्रेड है. इससे भारतीय नौसेना किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक सशक्त बनेगी.

IANS


The Hindi Post
error: Content is protected !!