शर्ट के बटन खोल कर कोर्ट पहुंचे थे वकील साहब, जज से किया था दुर्व्यवहार…, हाई कोर्ट ने सुनाई यह सजा

सांकेतिक तस्वीर (AI Photo)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एडवोकेट अशोक पांडे को छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई हैं. यह सजा 2021 के आपराधिक अवमानना मामले में गुरुवार को सुनाई गई.
न्यायालय ने अशोक पांडे को अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल का दोषी पाया. आरोप हैं कि एडवोकेट पांडेय ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसमें यह कहना भी शामिल हैं कि “न्यायाधीश गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं.”
न्यायालय ने दोषी वकील को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायालय ने वकील को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह भी पूछा है कि क्यों न उन्हें तीन वर्षों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ में प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाए.
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश एडवोकेट अशोक पांडेय के विरुद्ध आपराधिक अवमानना मामले में पारित किया है.
उच्च न्यायालय ने अशोक पांडेय पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. उच्च न्यायालय ने कहा कि एक महीने के भीतर जुर्माना न भरने की स्थिति में उन्हें (अशोक पांडेय) एक महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी.
उच्च न्यायालय ने पांडे को अपना जवाब दाखिल करने और 1 मई को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया हैं.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क