भारत का एक्शन शुरू, पाक उच्चायोग बंद, सिंधु जल समझौता भी खत्म करने की घोषणा

PM Modi chairs meeting of CCS (1)
The Hindi Post

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई. इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं.

बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं. यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है. हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह संधि तभी बहाल की जाएगी, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देगा. इसके अलावा अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ इस मार्ग से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले लौट सकते हैं.

इसके साथ ही, विदेश मंत्रालय ने कहा कि सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा. एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा.

वहीं, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है. उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा. इसी तरह भारत भी इस्लामाबाद में स्थित अपने सैन्य सलाहकारों और पांच सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा. दोनों देशों के उच्चायोगों की कुल कर्मचारि‍यों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई तक प्रभावी किया जाएगा.

इसके साथ ही बताया गया कि सीसीएस ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. दुनियाभर की कई सरकारों ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति समर्थन और एकजुटता जताई है, जिसे सीसीएस ने सराहा.

सीसीएस ने देश की समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया. समिति ने दोहराया कि इस आतंकी हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके संरक्षकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा. जैसे भारत ने हाल ही में ताहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में सफलता पाई है, वैसे ही भारत आतंक के हर सूत्रधार को पकड़ने के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

 


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