जिला कारागार में बंद 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव, जेल प्रशासन में मचा हड़कंप

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The Hindi Post

हरिद्वार | हरिद्वार (उत्तराखंड) की जिला कारागार से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जेल में बंद 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. इसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

कैदियों के हेल्थ चेकअप के दौरान 15 लोगों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके बाद जेल प्रशासन ने एचआईवी पॉजिटिव कैदियों को अलग बैरक में शिफ्ट किया जहां उनका इलाज किया जा रहा है. जेल में बंद अन्य कैदियों के अंदर भी भय का माहौल है.

हरिद्वार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अनुसार, सात अप्रैल को जिला कारागार में विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर स्वास्थ्य कैंप लगा था. जेल में बंद सभी कैदियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था जिसमें 15 कैदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई. सभी पॉजिटिव कैदियों को एक ही बैरक में रखा गया है.

हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि जेल में बंद 15 कैदी कैसे एचआईवी पॉजिटिव हो गए.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में भी मेडिकल जांच के दौरान हरिद्वार जेल में बंद 16 कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले थे.

बता दें कि हरिद्वार जिला कारागार में वर्तमान में करीब 1100 कैदी बंद हैं. एचआईवी की पुष्टि के बाद अब जेल प्रशासन में स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में है और उनका इलाज किया जा रहा है.

बता दें कि एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है. एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है. एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है. रोग रोकथाम एवं निवारण केंद्र द्वारा एड्स के संभावित लक्षण बताए गए हैं.

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है, में एड्स के लक्षणों की जांच विशेष रक्त जांच (सीडी4 प्लस कोशिका गणना) के आधार पर की जा सकती है. एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो. एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है. एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जांच के पश्चात ही की जा सकती है. एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है.

आईएएनएस

 


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