सहयोगी संजय सिंह के कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद बृज भूषण ने कहा – “दबदबा था, दबदबा तो रहेगा…”

बृज भूषण शरण सिंह और उनके साथ में संजय सिंह (फाइल फोटो: आईएएनएस)

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नई दिल्ली | भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों में संजय सिंह की शानदार जीत हुई है.

प्रमुख भारतीय पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह अपने दावे पर कायम हैं कि “दबदबा तो रहेगा”.

संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योरण को हराया है. अबसंजय सिंह के जीतने से विवाद खड़ा हो गया है.

साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट सहित पहलवान, जिन्होंने बृज भूषण का जमकर विरोध किया था, श्योरण के समर्थन में आ गए. उनके प्रयासों के बावजूद, सिंह की जीत ने मौजूदा नेतृत्व के जारी रहने का संकेत दिया है.

अपने ऊपर लगे आरोपों से बेपरवाह बृजभूषण ने इस जीत को देश के पहलवानों की जीत बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 महीने तक रुकी कुश्ती गतिविधियां अब नए नेतृत्व में फिर से शुरू होंगी.

बृज भूषण ने कहा, “…. देश का हर अखाड़ा (कुश्ती अकादमी) पटाखे फोड़ रहा है. दबदबा था, दबदबा रहेगा! मैं जीत का श्रेय देश के पहलवानों और मतदाताओं को देना चाहता हूं. मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं.” साथ ही चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुए थे… केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ा कि चुनाव हो और एक गैर-पक्षपाती व्यक्ति को अध्यक्ष चुना जाए.”

उन्होंने कहा, “कुश्ती पर 11 महीने का यह ‘ग्रहण’ खत्म हो गया है. 10 दिनों के भीतर, कुश्ती का परिदृश्य फिर से बदल जाएगा और हम ओलंपिक में वैसा ही प्रदर्शन करेंगे जैसा लोग चाहते हैं.”

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, जो चुनाव परिणाम से निराश दिख रही थीं, ने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रतीकात्मक रूप से अपने कुश्ती वाले जूते एक मेज पर रख दिए और कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी.

साक्षी मलिक ने फेडरेशन के शीर्ष पर महिला प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा, “हमने लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर नया अध्यक्ष बृज भूषण का सहयोगी, उनका बिजनेस पार्टनर है, तो मैं कुश्ती छोड़ रही हूं.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस

 


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