‘ऑर्गेनिक’ गांजा, चरस के प्रति बढ़ रही दीवानगी, छात्र चला रहे अवैध ऑनलाइन कारोबार, नशे के दलदल में फंसकर बन रहे तस्कर
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
ग्रेटर नोएडा | NCR में इस समय सबसे ज्यादा नशे के सौदागर घूम रहे हैं और जगह-जगह नशे की पुड़िया आसानी से उपलब्ध करा रहे है. NCR में ड्रग्स की ज्यादा खपत की बात करें तो नोएडा इस समय सबसे ऊपर चल रहा है. यहां पर बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी, कॉरपोरेट कंपनियां समेत शैक्षणिक संस्थानों और पॉश इलाकों में रहने वाले लोगो तक नशे की पुड़िया की डिलीवरी ऑन डिमांड हो रही है.
ग्रेटर नोएडा के बीटा – 2 थाना पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनी के सामान के डिलीवरी की आड़ में शिक्षण संस्थानों और कंपनियों में गांजा-चरस की तस्करी करने वाले ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया था. इस गिरोह में बीबीए की पढ़ाई कर चुकी छात्रा वर्षा, उसके फुफेरे भाई बुलंदशहर निवासी चिंटू ठाकुर, पिंटू और कालू व उनके साथी जयप्रकाश को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस को उनके पास से 20 किलो गांजा, 400 ग्राम चरस और फ्लिपकार्ट कंपनी के 148 लिफाफे, 41 पैकिंग, पॉलीथिन, इलेक्ट्रॉनिक तराजू आदि बरामद हुए थे.
इन लिफाफों में नशे के सामान को डालकर बड़े-बड़े यूनिवर्सिटी और कॉरपोरेट कंपनियों तक ये लोग बहुत आसानी से डिलीवरी करते थे. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म जिन लिफाफों में प्रोडक्ट की डिलीवरी करता है इसी का उपयोग किया जाता था. इससे इन पर शक नहीं जाता था. इसीलिए पुलिस से बचने और आसानी से अपने ग्राहक तक उसका सामान पहुंचाने के लिए यह गैंग इस तरीके का इस्तेमाल करते थे.
पकड़े गए गैंग की महिला सदस्य वर्षा ग्रेटर नोएडा के ओमिक्रोन 2 सेक्टर की मिग्सन अल्टीमो सोसाइटी में रहती है और मूल रूप से बुलंदशहर के ऊंचागांव की रहने वाली है. वह पूर्व में नॉलेज पार्क में पढ़ाई करती थी. इसके चलते उस पर कोई शक नहीं करता था. किसी न किसी काम के बहाने वह कॉलेज, विश्वविद्यालय और प्राइवेट कंपनियों में प्रवेश करती थी. फ्लिपकार्ट की पैकिंग देखकर कोई उनके सामान की चेकिंग भी नहीं करता था. इस तरह ये लोग चरस, गांजा को ग्राहक तक सप्लाई कर देते थे. यही कारण है कि आरोपियों का अवैध धंधा फल फूल रहा था.
अक्सर देखने को मिलता है कि नशे के कारोबार में कम उम्र के युवा ज्यादातर शामिल दिखाई देते हैं और ऐसा क्यों हो रहा है, यह समझना बेहद जरूरी है.
वर्षा की तरह ही बहुत सारे स्टूडेंट इस नशे के तस्करी के धंधे में अब शामिल हो चुके हैं. कई तस्करों की हाल फिलहाल में शिक्षण संस्थानों के आसपास से गिरफ्तारी भी हो चुकी है. तस्करी के इस गिरोह में युवा और छात्रों का फंसने का सबसे बड़ा कारण सिगरेट, शराब और महंगे शौक हैं. कॉलेज की लाइफ में अपने दोस्तों यारों के साथ सिगरेट, शराब और महंगे शौक की लत लगने के बाद घर से आने वाले सीमित पैसे छात्रों को कम लगते हैं और अपने नशे और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए वह इस धंधे को आसान जरिया समझते हैं.
पहले वह इस लत को पूरा करने के लिहाज से शुरू करते हैं लेकिन बड़ा मुनाफा देखने के बाद वह धीरे-धीरे इस गिरोह का हिस्सा भी बनते चले जाते हैं. नशे के तस्कर इस धंधे में कई सालों से लिप्त इसलिए हैं क्योंकि यह मुनाफे का सबसे बड़ा सौदा है. इसमें नॉर्थ ईस्ट की तरफ से मंगाए जाने वाले गांजे को 40 से 50 हजार प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर यह तस्कर डेढ़ से दो लाख रुपए की कीमत में बेचे कर सीधे दुगने का फायदा बनाते हैं.
उड़ीसा की तरफ से भी गांजा आता है. इसे काम कीमत में खरीदा जाता है और मोटी कीमत पर बेचा जाता है.
23 नवंबर को ग्रेटर नोएडा में नारकोटिक्स सैल गौतमबुद्धनगर व थाना बादलपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने गांजे की तस्करी करने वाले 2 अभियुक्तो को 2 क्विंटल 48 किलोग्राम गांजा व एक अशोक लेलैेड कैन्टर के साथ गिरफ्तार किया था.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस