इन कारणों से शरीर में आ सकती है सूजन, डॉक्टर ने बताया क्या है इससे बचाव के तरीके?

प्रतीकात्मक फोटो

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नई दिल्ली | स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियां शरीर में इन्फ्लेमेशन (सूजन) का स्तर बढ़ा सकती हैं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, चोट लगने पर या किसी रोग होने पर, जलन की स्थिति में या ऑक्सीडेटिव तनाव के दौरान, सूजन आना शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. चेतना में कमी आना या दिमाग के कम काम करने में इसकी (सूजन) की महत्वपूर्ण हो सकती हैं.

जानकारी के मुताबिक, इन्फ्लेमेशन के दौरान शरीर की कोशिकाएं आपस में लड़ती हैं और संक्रमण हो जाता है. इसका नतीजा यह होता है कि शरीर से कुछ रसायन निकलने लगते हैं जो आसपास की कोशिकाओं में प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं. इस प्रतिक्रिया का नतीजा होता ही कि सूजन आ जाती है और दर्द होता है.

सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के कंसल्टेंट डॉ. विनस तनेजा ने आईएएनएस को बताया, “शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के अधिक सक्रिय होने पर या फिर अगर संक्रमण लंबे समय तक बना रहता है तो दिमाग की कोशिकाओं में इन्फ्लेमेशन हो जाता है. इससे तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है और चेतना में कमी आती है.”

तनेजा ने कहा, “बुजुर्ग व्यक्तियों में इसका जोखिम अधिक होता है. इसके अलावा डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों के शिकार लोगों में भी चेतना की कमी आने का जोखिम ज्यादा होता है.”

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गुरुग्राम के न्यूरोइंटरवेंशन पारस हॉस्पिटल के समूह निदेशक डॉ. विपुल गुप्ता ने कहा, “खराब लाइफस्टाइल भी इन्फ्लेमेशन (सूजन) बढ़ाने में योगदान दे सकता है. कम शारीरिक श्रम, तनाव, मोटापा, सही खानपान नहीं होना, नींद पूरी न होना, वायु प्रदूषण, धूम्रपान और शराब का सेवन शरीर पर बुरा प्रभाव डालते है.”

उन्होंने कहा, “इनफ्लेमेशन तब होता है जब किसी को बुखार हो या संक्रमण हो जाए. अध्ययनों से पता चला है कि गठिया से पीड़ित रोगियों में या वे लोग जो मोटे होते हैं, उनमें चेतना में कमी या दिमाग के कम काम करने का जोखिम अधिक होता है.”

डॉ. गुप्ता ने कहा, “रोजाना शारीरिक श्रम (एक्टिविटी) करना चाहिए. लोगों को व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए. फल तथा सब्जियां खाने से लाभ मिलता है.”

डॉ. तनेजा का कहना है कि गंभीर तनाव भी इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकता है. उन्होंने इससे बचने के लिए ध्यान लगाने और रिलैक्सेशन मैनेजमेंट जैसे उपाय करने की सलाह दी.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस

 


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