धार्मिक स्थल पर बड़ा हादसा, दीवार ढहने से 8 श्रद्धालुओं की मौत, हादसे की वजह आई सामने, VIDEO

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आंध्र प्रदेश के लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में दीवार गिरने से बड़ा हादसा

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विशाखापत्तनम | विशाखापत्तनम के सिंहाचलम स्थित श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में वार्षिक उत्सव के दौरान दीवार गिरने से आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और चार लोग घायल हो गए है. भारी बारिश के कारण दीवार ढहने से यह हादसा हुआ.

दरअसल, बुधवार से वार्षिक उत्सव चंदनोत्सवम शुरू हो रहा है. लोग इसके लिए टिकट लेना चाहते थे. वे लाइन में खड़े थे. इस दौरान दीवार गिर गई. इसके नीचे श्रद्धालु दब गए.

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान मौके पर पहुंचे और पुलिस तथा अन्य विभागों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया. अधिकारियों ने बताया कि मलबे से आठ शवों को निकाला गया और किंग जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया. मृतकों में पांच पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं.

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज्य के गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता, विशाखापत्तनम जिला कलेक्टर एमएन हरेंधीरा प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंका ब्रत बागची बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं.

यह घटना मंदिर के वार्षिक उत्सव चंदनोत्सवम की शुरुआत से कुछ घंटे पहले हुई. अधिकारियों के अनुसार, 300 रुपये का टिकट खरीदने के लिए कतार में खड़े श्रद्धालु दीवार गिरने से मारे गए या घायल हो गए.

राज्य सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने की घोषणा की गई है. ‘निजरूप दर्शनम’ के लिए दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी. अनुष्ठान सुबह तड़के शुरू होने थे.

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस त्रासदी पर दुख जताया है. उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने श्रद्धालुओं की दुखद मौत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया. इसे हृदय विदारक घटना बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि भगवान के दिव्य स्वरूप के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को इस तरह दुखद तरीके से अपनी जान गंवानी पड़ी.

बता दें, चंदनोत्सवम्- सिंहाचलम मंदिर का वार्षिक है जिसमें भगवान नरसिंह स्वामी पर से वर्ष में एक बार चंदन लेप हटाया जाता है और फिर भक्तगण ‘निज रूप’ में उनका दर्शन करते हैं. यह अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जाता है.

IANS


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