महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिले ढाई करोड़ रुपए नकद, जेवरात
प्रयागराज | पिछले साल 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष 62 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि श्री मठ बाघंबरी मठ में मृत पाए गए थे। इस मामले को सीबीआई देख रही है। सीबीआई टीम ने गुरुवार को महंत नरेंद्र गिरी के सीलबंद कमरे को खुलवाया। कमरे से भारी मात्रा में कैश, जूलरी और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
दरअसल, तीन सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने गुरुवार को बाघंबरी मठ में महंत की मृत्यु के एक साल बाद उनके कमरे को खोला। सूत्रों के मुताबिक, बरामद किया गया कैश ढाई करोड़ रुपये है।
सामान बरामद करने की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई।
कमरा महंत बलबीर गिरि की याचिका पर खोला गया
यह कमरा महंत बलबीर गिरि की याचिका पर खोला गया था। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि मठ के अंदर की सारी संपत्ति और नकदी का पूरे मामले से कोई संबंध नहीं है, इसलिए इसे वापस किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने इस संबंध में आदेश पारित किया था जिसके बाद सीबीआई की टीम ने एसीएम (3) अभिनव कनौजिया, एसीएम (4) गणेश कुमार और पुलिस सर्कल अधिकारी (4) राजेश यादव और एक बैंक अधिकारी की उपस्थिति में नकदी और जूलरी (जेवरात) को मठ के अधिकारियों को सौंप दिया।
दरअसल, पिछले साल 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष 62 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि श्री मठ बाघंबरी मठ में मृत पाए गए थे।
इसके बाद, राज्य सरकार ने महंत की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
महंत के शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर हुई थी दर्ज
सीबीआई ने इस मामले को 24 सितंबर को अपने हाथों में ले लिया था। उन्होंने महंत के शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।
एक महीने की जांच के बाद, जांच एजेंसी ने आरोप पत्र दायर किया था जिसमें कहा गया था कि आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी ने दिवंगत महंत की प्रतिष्ठा को बदनाम करने वाला एक आपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था और उन पर अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव डाला था, जिससे उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत आरोप लगे थे और मुकदमा दर्ज हुआ था।
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
अनपुट्स: आईएएनएस