विपक्षी नेताओं ने एक स्वर में विकास दुबे के एनकाउंटर को ‘लीपा-पोती’ बताया

(फाइल फोटो | आईएएनएस)

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नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास शुक्रवार सुबह गैंगस्टर विकास दुबे को मारे जाने को लेकर विभिन्न विपक्षी नेताओं की ओर से कई आरोप और दावे सामने आए हैं। विशेषकर राज्य के विपक्षी नेताओं ने इस मुठभेड़ को बड़ी मछलियों को बचाने की एक कोशिश बताया है। मुठभेड़ पर संदेह की उंगली उठाने वालों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती, कांग्रेस के जितिन प्रसाद और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा, दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। एक दिन पहले यादव ने दुबे के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की मांग की थी।

एक वीडियो बयान जारी करते हुए उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने आरोप लगाया, अगर खून का बदला खून ही है तो न्यायपालिका की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि कथित एनकाउंटर ने इस बारे में सवाल उठाया, कौन वे लोग हैं, जो चाहते थे कि इस कुख्यात अपराधी का अंत हो जाए और उसी के साथ सारे राज दफन हो जाएं?

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या?

बसपा सुप्रीमो मायावती, जिन्होंने हाल ही में भारत-चीन के बीच व्याप्त तनाव से निपटने के लिए केंद्र का समर्थन भी किया था, उन्होंने कथित एनकाउंटर की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

मायावती ने हिंदी में किए एक ट्वीट में कहा, कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

मायावती ने इसके बाद एक अन्य ट्वीट में कहा, यह उच्चस्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है, ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।

रालोद नेता जयंत चौधरी मुठभेड़ को ड्रामा करार देते हुए सबसे ज्यादा मुखर दिखे। उन्होंने कई ट्वीट्स करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने हिंदी में किए एक ट्वीट में कहा, विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायाधीश को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में अदालत की जरूरत ही नहीं है!

चौधरी ने दूसरे ट्वीट में कहा, आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के असली अपराधियों को बचाने के लिए ये सब ड्रामा रचा गया है!

आईएएनएस


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